देश के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के वाइस चांसलर (कुलपति) प्रोफेसर योगेश त्यागी को आज 28 अक्टूबर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
वीसी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच के आदेश
प्रोफेसर योगेश त्यागी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं, साथ ही योगेश त्यागी के चिकित्सा आधार पर अनुपस्थिति की उनकी अवधि के दौरान जारी किए आदेशों को अमान्य माना जाएगा। कुलपति योगेश त्यागी के खिलाफ प्रशासनिक अनियमितताओं से जुड़े ढेरों मामले सामने आने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पिछले दिनों सख्त रूख दिखाते हुए उनके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला लिया था, साथ ही इसे लेकर राष्ट्रपति से अनुमति मांगी थी। 27 अक्टूबर को राष्ट्रपति से अनुमति मिलने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कमेटी के गठन का काम भी शुरू कर दिया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने उठाया कड़ा कदम
रमेश पोखरियाल निशंक ने डीयू के वीसी के खिलाफ निलंबन और जांच का यह फैसला उस समय लिया था, जब कुलपति योगेश त्यागी ने मेडिकल अवकाश के दौरान ही विश्वयविद्यालय में एक नए प्रो वीसी और रजिस्ट्रार की नियुक्त कर दी, जिसके चलते विश्वविद्यालय में अफरातफरी फैल गया। प्रवेश प्रक्रिया के दौरान विश्वविद्यालय में बनी इस स्थिति से अव्यवस्था की स्थिति बन गई थी। इस पूरे मामले के सामने आने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कड़ा कदम उठाया, उस दौरान कुलपति योगेश त्यागी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए थे।
पीसी झा के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई के संकेत
इसके साथ ही इस विवाद में शामिल और रजिस्ट्रार बनाए गए पीसी झा के खिलाफ भी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए है, जिसमें उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पीसी झा को विश्वविद्यालय की ओर से नोटिस दिया गया है, जिसमें एक दिन में उन्हें जवाब देना है, इसके बाद कार्रवाई तय की जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े इस विवाद को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने पिछले दिनों अधिकारियों की एक बैठक की थी, जिसमें ऐसे मामलों में किसी को भी न बख्शने की साफ हिदायत दी थी।