दिल्ली में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को बाद में हो रही स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के लिए दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिएटी अस्पताल में स्पेशल क्लिनिक की शुरुआत की गई है। अब तक इस स्पेशल क्लिनिक में 30 मरीज इलाज के लिए पहुंच चुके हैं। कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को थकावट के साथ बदन दर्द और सांस में तकलीफ की दिक्कत हो रही है।
राजीव गांधी अस्पताल में स्पेशल क्लिनिक की शुरुआत
दिल्ली में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को बाद में हो रही स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के लिए दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिएटी अस्पताल में स्पेशल क्लिनिक की शुरुआत की गई है। अब तक इस स्पेशल क्लिनिक में 30 मरीज इलाज के लिए पहुंच चुके हैं। कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को थकावट के साथ बदन दर्द और सांस में तकलीफ की दिक्कत हो रही है। इस स्पेशल क्लिनिक की शुरुआत 20 अगस्त को की गई थी। राजीव गांधी सुपर स्पेशलिएटी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर बी एल शेरवाल का कहना है कि ज्यादातर लोगों को कोरोना से ठीक होने के बाद दिक्कत नहीं हो रही है, लेकिन कुछ लोगों को परेशानी हो रही है।
मरीजों में थकान, बदन दर्द और सांस की परेशानी
डॉक्टर शेरवाल ने कहा कि सबसे ज्यादा दिक्कत लोगों को थकान और बदन दर्द की हो रही है, शिकायत करने वालों में 80 पर्सेंट ऐसे ही मरीज हैं। इसमें से कुछ लोगों को ठीक होने के बाद भी सांस की परेशानी आ रही है। डॉक्टर शेरवाल ने कहा कि क्लिनिक शुरू हुए अभी तीन दिन हुए हैं। मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो हमें पता चल सकेगा कि कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों को किस तरह की समस्याएं आ रही हैं। कोरोना से ठीक हो चुके लोग जानना चाहते हैं कि ठीक होने के बाद अब उन्हें कौन सी दवाएं लेनी है या फिर दिक्कत के लिए किस प्रकार की जांच कराएं।
मरीजों की ईसीजी और पीएफटी टेस्ट कर रहे हैं
डॉक्टर शेरवाल ने कहा क्लिनिक में आए मरीजों से अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद की मेडिकल हिस्ट्री का पता करते हैं और फिर उसके बाद कोरोना से ठीक हुए लोगों की ईसीजी और पीएफटी टेस्ट यानि सांस की जांच कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर फेफड़े के एक्स-रे व अन्य जांच भी कराई जा रही है, ताकि उनकी दिक्कत का सही से आकलन किया जा सके।