वैश्विक महामारी कोरोना के प्रसार को रोकने के क्रम बंद की गई दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह छह महीने बाद 6 सितंबर को फिर से खुलने जा रही है। हालांकि, इस बार दरगाह में आने वालों को सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
दरगाह सुबह 5-10 बजे के बीच खुली रहेगी
वैश्विक महामारी कोरोना के प्रसार को रोकने के क्रम बंद की गई दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह छह महीने बाद कल यानि 6 सितंबर को फिर से खुलने जा रही है। हालांकि, इस बार दरगाह में आने वालों को सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। यह दरगाह सुबह 5-10 बजे के बीच आगंतुकों के लिए खुली रहेगी। ध्यान रहे कि मार्च में तबलीगी जमात मुख्यालय के कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में सामने आने के बाद निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के आसपास का क्षेत्र पहले कंटेनमेंट जोन में से एक था।
दरगाह में 15 मिनट तक रूक सकते हैं
निजामुद्दीन औलिया की दरगाह की देखभाल करने वालों ने बताया कि श्रद्धालुओं को दरगाह में कम से कम 6 फीट की दूरी बनाकर रखना आवश्यक होगा और उन्हें वहां 15 मिनट से अधिक समय तक रुकने नहीं दिया जाएगा। दरगाह में आने वाले श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज करने के लिए कई जगह तय की गई हैं। इसके साथ ही दरगाह के अंदर मास्क पहनना अनिवार्य है। किसी भी बैग या सामान को अंदर लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दरगाह प्रबंधन ने एक बयान में कहा है कि अंदर बैठने या प्रतीक्षा की अनुमति नहीं है।
गुरुवार को होने वाली कव्वालियां आयोजित नहीं होंगी
श्रद्धालुओं को दरगाह में फूल, इत्र और धूप अर्पित करने या मकबरे के किसी भी हिस्से को छूने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा दरगाह पर हर गुरुवार की रात होने वाली कव्वालियां भी अभी आयोजित नहीं की जाएंगी। निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के एक कर्मचारी ने बताया कि बुखार, खांसी या सर्दी-जुकाम या कोरोना के किसी भी लक्षण से पीड़ित व्यक्ति को दरगाह के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को भी दरगाह स्थल पर जाने की इजाजत नहीं होगी।