देश की राजधानी दिल्ली में आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्तियां सस्ती होने जा रही हैं। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्तियों के सर्कल दर को 20 फीसदी कम कर दिया है।
सर्कल दरों में 20 फीसदी की कमी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में 5 फरवरी को हुई दिल्ली कैबिनेट की बैठक में राजस्व विभाग के इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। केजरीवाल कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, अगले 6 महीने के लिए दिल्ली की सभी संपत्तियों के सर्कल दरों को 20 फीसदी कम कर दी गई है। इस फैसले से स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में करीब 1 फीसदी का असर पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने राजस्व विभाग को नए नियमों के तहत काम करने का निर्देश दे दिया है।
आर्थिक नुकसान से अब उबर रहे हैं- केजरीवाल
कैबिनेट के फैसले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि हम कोरोना काल के दौरान हुए आर्थिक नुकसान से अब धीरे-धीरे उबर रहे हैं, हमारी सरकार का यह कर्तव्य है कि वह आम आदमी पर वित्तीय बोझ को और कम करने के लिए सभी कदम उठाए। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस फैसले से संपत्ति खरीदने के इच्छुक लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, साथ ही रियल एस्टेट क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि इस फैसले से ज्यादा लोग अचल संपत्ति में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे और रियल स्टेट में आई स्थिरता दूर होगी।
दिल्ली में ए से एच तक हैं सर्कल
गौरतलब है कि दिल्ली में ए से लेकर एच तक की अलग-अलग श्रेणियों के लिए अलग-अलग सर्कल रेट तय हैं। ए केटेगरी के लिए यह फिलहाल 77,400 रुपए प्रति वर्ग मीटर व एच श्रेणी के लिए 23,280 रुपए प्रति वर्ग मीटर है। नई दरें लागू होने से सबसे उच्चतम और निम्नतम श्रेणी की संपत्तियों का सर्कल रेट 61,920 व 18,624 रुपए प्रति वर्ग मीटर हो जाएगा, दूसरी केटेगरी की संपत्तियों में भी इसी तरह की कमी आएगी।