स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को बरी करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत के इस फैसले के बाद दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को झटका लगा है, जबकि मुख्यमंत्री केजरीवाल और डिप्टी सीएम सिसोदिया को बड़ी राहत मिली है।
केजरीवाल-सिसोदिया तथा 9 विधायकों को कोर्ट से राहत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के 9 अन्य विधायकों को आज 8 जून 2022 को स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने मारपीट मामले में सीएम केजरीवाल समेत अन्य को क्लीनचिट देने संबंधी निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की याचिका को खारिज कर दिया है।
केजरीवाल-सिसोदिया साजिश के किंगपिन थे- अंशु प्रकाश
राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया समेत अन्य को क्लीनचिट देने संबंधी फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि निर्णय को रद्द करने का कोई ठोस आधार नहीं है। दरअसल, साल 2018 में मुख्यमंत्री आवास पर नौकरशाह पर मुख्यमंत्री व अन्य विधायकों द्वारा हमले का आरोप लगा था। अंशु प्रकाश ने अदालत में कहा था कि केजरीवाल और सिसोदिया एक साजिश के किंगपिन थे, जिसके कारण उनके साथ मारपीट की गई।
यह मामला अंशु प्रकाश पर हुए हमले से जुड़ा है
यह मामला 19 फरवरी 2018 को सीएम केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान अंशु प्रकाश पर हुए कथित हमले से जुड़ा है। इस घटना ने दिल्ली सरकार और नौकरशही के बीच तीखी नोकझोंक शुरू कर दी थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान अंशु प्रकाश के वकील ने तर्क दिया था कि निचली अदालत ने अपने फैसले में गलती की थी और दिल्ली सरकार ने अभियोजन पक्ष को बल द्वारा लिखित अनुरोध के बावजूद आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर करने की अनुमति नहीं दी थी।