दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की मंडोली जेल से उगाही गिरोह चलाए जाने का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें जेल का मुख्य वार्डन भी शामिल है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, नंदू गैंग का सदस्य विकास इस गिरोह का सरगना है और वह अभी जेल में बंद है।
जेल से उगाही गिरोह चलाए जाने का पर्दाफाश
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की मंडोली जेल से उगाही गिरोह चलाए जाने का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें जेल का मुख्य वार्डन भी शामिल है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, नंदू गैंग का सदस्य विकास इस गिरोह का सरगना है और वह अभी जेल में बंद है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान 28 वर्षीय विकास, 30 वर्षीय प्रमोद कुमार, 35 वर्षीय हनी राजपाल और 23 वर्षीय जगमोहन के रूप में की गई है, इसके साथ ही मंडोली जेल के मुख्य वार्डन 50 वर्षीय राजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।
विकास है इस गिरोह का सरगना
दिल्ली पुलिस ने बताया कि नंदू गैंग का सदस्य विकास इस गिरोह का सरगना है और वह अभी जेल में बंद है, वह वहीं से गिरोह का संचालन कर रहा था। पुलिस के मुताबिक, गिरोह के पांच सदस्यों में से प्रत्येक को एक विशिष्ट कार्य सौंपा गया था। प्रमोद कुमार का काम राजेंद्र सिंह के लिए सिम कार्ड की व्यवस्था करना था, जेल कर्मचारी होने के नाते राजेंद्र सिंह का काम जांच से बचते हुए राजपाल को जेल के अंदर सिम कार्ड सौंपना था। पुलिस ने कहा कि राजपाल ने मोबाइल फोन की व्यवस्था की थी, जबकि विकास लोगों को मैसेज भेजता था।
द्वारका दक्षिण थाने में मिली थी शिकायत
दिल्ली पुलिस को 22 अगस्त को द्वारका दक्षिण थाने में एक शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसके पास दो मोबाइल नंबरों से वॉट्सऐप कॉल और मैसेज के जरिए धमकी आ रही है। द्वारका के पुलिस उपायुक्त एंटो एल्फोंस ने बताया कि जांच में दोनों नंबर न्यू उस्मानपुर निवासी जगमोहन और प्रमोद कुमार के नाम पर पंजीकृत मिले, दोनों मोबाइल नंबर की लोकेशन बुद्ध विहार, मंडोली आ रही थी।
आरोपियों के तीन मोबाइल फोन बरामद
पुलिस उपायुक्त एंटो एल्फोंस ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने छापेमारी शुरू की ओर जगमोहन को पकड़ लिया। पूछताछ में जगमोहन ने बताया कि 6 अगस्त को ये सिम कार्ड उसके रिश्तेदार प्रमोद कुमार के नाम पर जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रमोद को पकड़ा गया। प्रमोद अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आया था। पूछताछ के दौरान प्रमोद ने इस गिरोह का खुलासा किया, इसके बाद अन्य आरोपियों को पकड़ लिया गया। पुलिस ने आरोपियों के तीन मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं और आरोपियों के बीच वॉट्सऐप के जरिए हुई बातचीत का भी पता लगा लिया है।