वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच पूर्व स्टार क्रिकेटर व ईस्ट दिल्ली के भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने दिल्ली की सेक्स वकर्स की बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है।
गौतम गंभीर ने 25 सेक्स वकर्स की बेटियों की ली पूरी जिम्मेदारी
वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच पूर्व स्टार क्रिकेटर व ईस्ट दिल्ली के भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने आज दिल्ली की सेक्स वकर्स की बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। दिल्ली के जीबी रोड एरिया में काम करने वाली 25 सेक्स वकर्स की बेटियों की आगे की शिक्षा, स्वास्थ्य और उनके जीवन यापन से जुड़ी सभी जरूरतों का पूरा ख्याल अब गौतम गंभीर और उनके द्वारा चलाई जाने वाली संस्था के द्वारा रखा जाएगा, इस मुहिम को ‘पंख’ नाम दिया गया है, जिसे आज यानि 31 जुलाई को लॉन्च किया गया।
‘पंख’ के तहत अब तक 10 बच्चियों का चयन
‘पंख’ के तहत 10 बच्चियों का चयन भी कर लिया गया है, जबकि 15 और बच्चियों को चुनने का काम जारी है। इस मुहिम को शुरू करने के मकसद के बारे में बताते हुए गौतम गंभीर ने कहा कि समाज के हर व्यक्ति को एक अच्छी जिंदगी जीने का हक है, हमारा यही प्रयास है कि इन बच्चियों को भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा नए अवसर मिल सकें, हम उन्हें वही अवसर दिलाने की कोशिश कर रहे हैं।
सेलेक्ट बच्चियां अलग-अलग सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगी– गंभीर
गौतम गंभीर ने कहा कि अभी हमने जिन 10 बच्चियों को सेलेक्ट किया है, वो इस नए शिक्षा सत्र से अलग-अलग सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगी, हम उनके स्कूल की फीस, उनकी यूनिफॉर्म, बुक्स और स्टेशनरी, खान-पान तथा स्वास्थ्य का पूरा खर्च उठाएंगे, साथ ही उनकी काउंसिलिंग भी की जाएगी, ताकि वे खुद को इसी समाज का हिस्सा समझ सकें और निडर होकर आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि आज यानि 31 जुलाई को उनकी नानी का जन्मदिन है और उसी दिन उनके आशीर्वाद से वह इस नई पहल ‘पंख’ की शुरुआत की है, क्योंकि इसका पूरा श्रेय भी उन्हीं को जाता है, उनकी फाउंडेशन देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले 200 शहीदों के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी काम कर रही है।
ये लड़कियां अभी दिल्ली के शेल्टर होम्स में रह रही हैं– गंभीर
गौतम गंभीर ने कहा कि ये लड़कियां अभी दिल्ली के शेल्टर होम्स में रह रही हैं, लेकिन उनकी पहचान गुप्त रखी जा रही है, अगले शिक्षा सत्र तक कुल 25 लड़कियों को शामिल करने का लक्ष्य है, इसके तहत 5 से लेकर 18 साल तक की लड़कियों को काउंसिलिंग के माध्यम से सशक्त बनाने की कोशिश की जाएगी, ताकि वे अपनी पढ़ाई बीच में ना छोड़ें। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इस बच्चियों की मदद के लिए आगे आना चाहता है और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, खाने-पानी आदि की जरूरतों के लिए आर्थिक सहयोग करना चाहता है, तो इस पहल से जुड़ सकते हैं।