देश की राजधानी दिल्ली में रेलवे ट्रैक के किनारे से 48 हजार झुग्गी बस्तियों को तीन में हटाया जाएगा। यह आदेश देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में 140 किलोमीटर तक रेलवे ट्रैक के किनारे 48 हजार झुग्गी बस्तियां हैं, जिन्हें हटाया जाए।
48 हजार झुग्गी बस्तियों को हटाएं- सुप्रीम कोर्ट
देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने में रेलवे ट्रैक के किनारे से 48 हजार झुग्गी बस्तियों को हटाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में 140 किलोमीटर तक रेलवे ट्रैक के किनारे झुग्गी बस्तियां हैं, जिन्हें हटाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस आदेश में किसी भी तरह से राजनीतिक दखल नहीं होना चाहिए। अदालत ने कहा है कि टाइम बाउंस तरीके से इन झुग्गियों को रेलवे ट्रैक के बगल से हटाया जाए। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि अतिक्रमण हटाने से रोकने के लिए किसी भी तरह से देश का कोई भी अदालत अगर आदेश पारित करता है, तो वह आदेश प्रभावी नहीं होगा।
तीन महीने के भीतर झुग्गियां हटाई जाएं- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में ये भी कहा है कि जो भी स्टेक होल्डर हैं, वह इसके लिए योजना बनाएं और उस पर अमल के लिए टाइम बाउंस तरीके से काम करें। अदालत ने कहा कि जो सुरक्षित इलाका है, वहां से तीन महीने के भीतर ट्रैक के बगल से झुग्गियां हटाई जाएं। इस आदेश में न तो किसी अदालत का दखल होना चाहिए और न ही कोई पॉलिटिकल दखलअंदाजी हो, अतिक्रमण हटाने से रोकने के लिए कोई भी हाई कोर्ट अगर आदेश पारित करता है तो वह प्रभावी नहीं होगा।
140 किलोमीटर तक ट्रैक के किनारे झुग्गी बस्तियां हैं
ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी, 2020 में ईपीसीए यानि पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण, दिल्ली सरकार और म्युनिसिपल कॉरपोरेशन से कहा था कि वह रेलवे ट्रैक के आसपास के प्लास्टिग बैग, गारबेज और अन्य वेस्ट मटीरियल को हटाने के बारे में समग्र प्लान पेश करें। इसके बाद ईपीसीए ने रिपोर्ट पेश की थी। इस दौरान रेलवे के दिल्ली डिविजन के अडिशनल डिविजनल मैनेजर ने रिपोर्ट दी थी और कहा था कि दिल्ली में 140 किलोमीटर ट्रैक के आसपास 48 झुग्गियों का अतिक्रमण है। हलफनामे में बताया गया कि इन झुग्गियों को हटाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई गई, लेकिन राजनीतिक दखलअंदाजी के कारण कोई भी बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई। इस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित कर कहा है कि रेलवे ट्रैक के पास के तमाम अतिक्रमण हटाए जाएं और कोई भी राजनीतिक दखलअंदाजी या दबाव नहीं चलेगा।
इस काम में 70 फीसदी का भुगतान रेलवे करेगी
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, रेलवे विभाग और म्युनिसिपल कॉरपोरेशन से कहा है कि वह तीन महीने के भीतर रेलवे ट्रैक के पास के तमाम वेस्ट मटीरियल हटाएं और भविष्य में कोई भी कॉन्ट्रेक्टर वहां वेस्ट को डंप न करें। अदालत ने कहा कि इस काम में 70 फीसदी का भुगतान भारतीय रेलवे और 30 फीसदी का भुगतान दिल्ली सरकार करेगी। म्युनिसिपल कॉरपोरेशन, रेलवे और सरकारी एजेंसियों द्वारा मैन पावर मुहैया कराया जाएगा और उसके लिए वह भुगतान नहीं लेंगे। सभी अथॉरिटी से कार्रवाई रिपोर्ट भी पेश करने को कहा गया है।