उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ गई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्राईब्यूनल यानि एनसीएलटी ने अनिल अंबानी के खिलाफ दिवालिया की कार्यवाही आगे बढ़ाने की इजाजत दे दी है। भारतीय स्टेट बैंक का का 1200 करोड़ रुपए का कर्ज न चुका पाने की वजह से अनिल अंबानी के खिलाफ यह आदेश आया है।
अंबानी के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही की इजाजत
उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ गई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्राईब्यूनल यानि एनसीएलटी ने अनिल अंबानी के खिलाफ दिवालिया की कार्यवाही आगे बढ़ाने की इजाजत दे दी है। भारतीय स्टेट बैंक का 1200 करोड़ रुपए का कर्ज न चुका पाने की वजह से अनिल अंबानी के खिलाफ यह आदेश आया है। ध्यान रहे कि भारतीय स्टेट बैंक ने वर्ष 2016 में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनियों रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल को यह कर्ज दिए थे। अनिल अंबानी ने इन कर्जों के लिए 1200 करोड़ रुपए की पर्सनल गारंटी दी थी, अब दोनों कंपनियां बंद हो गई हैं, इसकी वजह से एसबीआई को मुंबई एनसीएलटी में अपील करनी पड़ी।
अंबानी ने लोन की पर्सनल गारंटी दी है
एसबीआई ने मांग की कि दिवालिया कानून के मुताबिक, अनिल अंबानी से यह रकम वसूली की इजाजत दी जाए, क्योंकि उन्होंने इस लोन की पर्सनल गारंटी दी है। एनसीएलटी मुंबई ने अपनी टिप्पणी में कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल दोनों ने जनवरी, 2017 में लोन के भुगतान में डिफॉल्ट किया है, उनके एकाउंट को 26 अगस्त, 2016 से ही नॉन परफॉर्मिंग एसेट घोषित कर दिया गया था।
रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 49,000 करोड़ का कर्ज
गौरतलब है कि वर्ष 2019 की शुरुआत में रिलायंस कम्युनिकेशंस ने बैंकरप्शी यानि दिवालिया होने के लिए आवेदन किया और बताया कि उसके ऊपर करीब 33,000 करोड़ रुपए का कर्ज है, हालांकि बैंकों का कहना है कि उनका अगस्त, 2019 तक रिलायंस कम्युनिकेशंस के ऊपर 49,000 करोड़ रुपए का बकाया है। इस वर्ष मार्च में एसबीआई बोर्ड ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के लिए एक समाधान योजना पेश की, जिसमें यह कहा गया था कि करीब 50 फीसदी की छूट देते हुए बैंक अपना 23,000 करोड़ रुपए वसूल लेंगे।