अल्ट्रा हाई स्पीड इंटरनेट की पेशकश करने में सक्षम 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी आज खत्म हो गई है। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 7 दिनों तक चली, जिसमें 4 कंपनियों- रिलायंस जियो, भारतीय एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी ग्रुप की अडानी डाटा नेटवर्क लिमिटेड ने भाग लिया था। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में 1.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य के 5जी टेलिकॉम स्पेक्ट्रम की रिकॉर्ड बिक्री हुई, नीलामी में मुकेश अंबानी की कंपनी जियो (Jio) ने सबसे अधिक बोली लगाई।
7 दिन तक चली 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया
भारत में अबतक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी आज 1 अगस्त 2022 को खत्म हो गई। 7 दिन तक चली इस नीलामी में 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के 5जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की रिकॉर्ड बिक्री हुई। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में मुकेश अंबानी की कंपनी जियो ने अपनी अग्रणी स्थिति को मजबूत करने के लिए सबसे अधिक बोली लगाई। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक कुल 1,50,173 करोड़ रुपये की बोलियां लगाई गईं।
4जी से दोगुना पैसे मिले 5जी स्पेक्ट्रम से
अत्यधिक उच्च गति के मोबाइल इंटरनेट संपर्क की पेशकश करने में सक्षम 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की यह राशि पिछले साल बेचे गए 77,815 करोड़ रुपए के 4जी स्पेक्ट्रम से लगभग दोगुना है। यह राशि 2010 में 3जी नीलामी से मिले 50,968.37 करोड़ रुपए के मुकाबले तीन गुना है। रिलायंस जियो ने 4जी की तुलना में करीब 10 गुना अधिक तेज गति से संपर्क की पेशकश करने वाले रेडियो तरंगों के लिए सबसे अधिक बोली लगाई, इसके बाद भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का स्थान रहा।
अडानी समूह ने 26 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा
बताया जाता है कि अडानी समूह ने निजी दूरसंचार नेटवर्क स्थापित करने के लिए 26 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है। सूत्रों ने कहा कि किस कंपनी ने कितना स्पेक्ट्रम खरीदा, इसका ब्योरा नीलामी के आंकड़ों के पूरी तरह आने के बाद ही पता चलेगा। केंद्र सरकार ने 10 बैंड में स्पेक्ट्रम की पेशकश की थी, लेकिन 600 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए कोई बोली नहीं मिली।
करीब दो-तिहाई बोलियां 5जी बैंड के लिए थीं
करीब दो-तिहाई बोलियां 5जी बैंड (3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज) के लिए थीं, जबकि एक-चौथाई से अधिक मांग 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में आई, यह बैंड पिछली 2 नीलामियों (2016 और 2021) में बिना बिके रह गया था। पिछले साल हुई नीलामी में रिलायंस जियो ने 57,122.65 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम लिया था, जबकि भारती एयरटेल ने लगभग 18,699 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी और वोडाफोन आइडिया ने 1,993.40 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम खरीदा था। इस साल कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपए के कुल 72 गीगाहर्ट्ज रेडियो तरंगों को बोली के लिए रखा गया था।