दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने आज टेरर फंडिंग के मामले में प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुना दी है। एनआईए ने यासीन मलिक को सजा ए मौत देने की मांग की थी।
यासीन मलिक को 2 मामलों में उम्रकैद की सजा
प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को आज 25 मई 2022 को दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने टेरर फंडिंग के 2 मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यासीन मलिक पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। अब से कुछ देर पहले ही यासीन मलिक को हवालात से कोर्टरूम लाया गया था, जज को पहुंचने में देर होने पर उसे बैठने के लिए कुर्सी दी गई, कुछ देर बात जज आ गए और फैसला सुना दिया गया। सजा सुनाए जाने के बाद यासीन मलिक चुपचाप बैठा रहा।
शाम करीब 6.15 बजे फैसला सुनाया गया
यासीन मलिक की सजा पर पहले शाम 3.30 बजे फैसला आना था, फिर इसे शाम 4 बजे तक के लिए टाल दिया गया. इसके बाद शाम करीब 6.15 बजे फैसला सुनाया गया। इस बीच अदालत के बाहर कई लोग तिरंगा लेकर पहुंचे, वहीं श्रीनगर के पास मैसुमा में यासीन मलिक के घर के पास यासीन मलिक समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प की बात सामने आई, वहां पत्थरबाजी के बाद हालात सुरक्षाकर्मियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
सजा के बीच कश्मीर घाटी में कड़ी सुरक्षा
यासीन मलिक को सजा के बीच कश्मीर घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और यासीन मलिक के घर पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। यही नहीं अदालत परिसर में भी सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी थी और फैसले से पहले डॉग स्क्वॉड के जरिए निगरानी की गई। यासीन मलिक पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, टेरर फंडिंग करने, आतंकी साजिश रचने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे आरोपों में कई मामले दर्ज हैं। भारतीय वायु सेना के 4 निहत्थे अफसरों, पूर्व होम मिनिस्टर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण समेत कई अन्य मामलों में भी यासीन मलिक आरोपी है।
एनआईए ने की थी फांसी दिए जाने की मांग
ध्यान रहे कि एनआईए ने टेरर फंडिंग में दोषी ठहराए गए यासीन मलिक को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी। एनआईए ने कहा कि यासीन मलिक ने जिस के जुर्मों को अंजाम दिया था, उसे देखते हुए मलिक को फांसी से कम की सजा नहीं दी जानी चाहिए। यासीन मलिक ने केस की सुनवाई के दौरान खुद भी अपना गुनाह कबूल किया था और वकील भी वापस कर दिया था। यासीन मलिक की सजा के ऐलान से पहले पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रही।