कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य आरोपी व गैंगेस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को बड़ी राहत मिली है। इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने उत्तर प्रदेश पुलिस को क्लीन चिट दे दी है।
बीएस चौहान कमेटी ने यूपी पुलिस को दी क्लीन चिट
गैंगेस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की जांच कर रही जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने उत्तर प्रदेश पुलिस को क्लीन चिट दे दी है, जस्टिस बीएस चौहान कमेटी को उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। ध्यान रहे कि विकास दुबे एनकाउंटर केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। जस्टिस बीएस चौहान कमेटी के दो अन्य सदस्य यूपी के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता और इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस शशिकांत अग्रवाल हैं।
साक्ष्यों के अभाव में यूपी पुलिस को मिली क्लीन चिट
जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट और उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी है, उसमें कहा गया है कि कई पुलिसकर्मियों से पूछताछ की, लेकिन उनको एक भी पुख्ता सबूत नहीं मिले, जिससे यह साबित हो सके कि एनकाउंटर फर्जी था। दरअसल साक्ष्यों के अभाव में विकास दुबे एनकाउंटर मामले में जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने उत्तर प्रदेश पुलिस को क्लीन चिट दी है।
बिकरू कांड का मुख्य आरोपी था विकास दुबे
ध्यान रहे कि 2 जुलाई, 2020 की रात कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी गई थी, इस मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे एक हफ्ते बाद मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हुआ था, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही कानपुर के पास उसकी पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। विकास दुबे को यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस की टीम उज्जैन से कार के जरिए ला रही थी, इसी दौरान कानपुर में एंट्री के दौरान तेज बारिश हो रही थी जिसके चलते विकास दुबे जिस गाड़ी में बैठा था, वो पलट गई, गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने पुलिसवालों का हथियार छीना और भागने की कोशिश की, जब पुलिस की ओर से उसे घेरा गया, तो उसने पुलिस पर फायरिंग की कोशिश की, इसके बाद पुलिस जवानों ने आत्मरक्षा के लिए विकास दुबे पर गोली चलाई जिससे विकास दुबे मारा गया।