उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध कवि अकबर इलाहाबादी का नाम बदलने पर बवाल शुरु हो गया है। ‘अकबर इलाहाबादी’ का नाम ‘अकबर प्रयागराजी’ कर दिया गया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग (UPHESC) की वेबसाइट पर 28 दिसंबर 2021 को कवि का नाम अकबर इलाहाबादी का नाम बदलकर अकबर प्रयागराजी रखा गया।
अकबर इलाहाबादी का नाम अकबर प्रयागराजी हुआ
देश के जाने माने प्रसिद्ध कवि अकबर इलाहाबादी का नाम बदलने पर बवाल शुरु हो गया है। 3 साल पहले यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के बाद प्रसिद्ध कवि ‘अकबर इलाहाबादी’ का उल्लेख ‘अकबर प्रयागराजी’ के रूप में किया गया है। इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। इस मुद्दे पर हंगामा होने के बाद यूपीएचईसीएस के उप सचिव शिव जी मालवीय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वेबसाइट हैक कर ली गई है और महान कवि अकबर इलाहाबादी का नाम बदलकर अकबर प्रयागराजी करना भ्रामक है।
साइबर सेल से जांच की मांग की जा रही है
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आयोग ने अपनी वेबसाइट पर ऐसा कोई नाम दर्ज नहीं किया है। इसे ठीक किया जा रहा है। यूपीएचईएससी की विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि साइबर सेल से जांच की मांग की जा रही है और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अकबर इलाहाबादी संयोग से अखबारों पर अपनी पंक्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं, जो कहते हैं- ‘खिंचो न कमनों को, न तलवार निकलो, जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकलो।’
वेबसाइट पर कुछ अन्य कवियों के नाम भी बदल दिए गए
यूपीएचईएससी के वेबसाइट पर राशिद इलाहाबादी और तेग इलाहाबादी का उल्लेख रशीद प्रयागजी और तेग प्रयागराजी के रूप में किया गया है। इस बीच यूपीएचईएससी की हिंदी वेबसाइट को बहाल कर दिया गया है और अंग्रेजी पोर्टल को बहाल करने का काम जारी है। इस घटना की शिकायत पुलिस साइबर सेल में अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए की गई है। ध्यान रहे कि यूपीएचईएससी उत्तर प्रदेश सरकार के तहत एक स्वायत्त निकाय जो राज्य के 331 सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में प्रिंसिपल और सहायक शिक्षकों की नियुक्ति करती है।