
बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 के पहले अभी बिहार में दल-बदल की राजनीति अपने चरम पर है। इसी क्रम में आज बिहार भाजपा के वरिष्ठ व दिग्गज नेता रामेश्वर चौरसिया ने एलजेपी का दामन थाम लिया है।
रामेश्वर चौरसिया ने थामा एलजेपी का दामन
बिहार चुनाव से पहले भाजपा के नेताओं का पार्टी छोड़कर दूसरे पार्टी में जाने का सिलसिला अब भी जारी है। पिछले दो दिन में भाजपा के 3 बड़े नेताओं ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। बिहार की जातीय राजनीति में चौरसिया समाज के सबसे बड़े नेता रामेश्वर चौरसिया ने आज 7 अक्टूबर को भाजपा छोड़कर एलजेपी का दामन थाम लिया है। रामेश्वर चौरसिया ने रोहतास जिले के नोखा विधानसभा से 4 बार भाजपा के टिकट पर विधायक रहे हैं, वे उत्तर प्रदेश भाजपा के सह-प्रभारी भी रहे हैं।
राजेंद्र सिंह व उषा विद्यार्थी भी एलजेपी में शामिल
ध्यान रहे कि रामेश्वर चौरसिया पिछला विधानसभा चुनाव नोखा से हार गए थे। इस बार नोखा विधानसभा सीट एनडीए के घटक दल जदयू के खाते में चले जाने के बाद भाजपा में रहकर रामेश्वर चौरसिया के लिए नोखा से चुनाव लड़ने का रास्ता बंद हो गया था, जिसके कारण वो एलजेपी में शामिल हो गए। इससे पहले 6 अक्टूबर को भाजपा के प्रदेश उपाध्यरक्ष राजेंद्र सिंह दिल्लीन में चिराग पासवान की मौजूदगी में एलजेपी में शामिल हो गए थे। वहीं, भाजपा की वरिष्ठ नेता उषा विद्यार्थी भी एलजेपी में शामिल हो चुकी हैं।