सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आयोजन की मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले से पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आयोजन की सैकड़ों साल की परंपरा जारी रहेगी।
23 जून को पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी
सुप्रीम कोर्ट ने आज ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आयोजन की मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले से पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आयोजन की सैकड़ों साल की परंपरा जारी रहेगी। इसी के साथ कल मंगलवार यानि 23 जून को पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी।
रथ यात्रा का आयोजन राज्य–केंद्र के आपसी सामंजस्य के साथ होगा– सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोवडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जजों की बेंच ने आज भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा मामले की सुनवाई करते हुए इस पर फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन मंदिर समिति, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के आपसी सामंजस्य के साथ होगा।
स्वास्थ्य मुद्दे को लेकर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा– सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य मुद्दे को लेकर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा, साथ ही अदालत ने कहा है कि अगर ओडिशा सरकार को लगता है कि स्थिति उसके नियंत्रण से बाहर जा रही है, तो वह इस पर रोक लगा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के इस तीन सदस्यीय जजों की बेंच में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोवडे के अलावा जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को रथ यात्रा के आयोजन को मंजूरी नहीं दी थी
दरअसल, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की एकल पीठ ने 18 जून को इस मामले की सुनवाई करते हुए भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आयोजन को मंजूरी नहीं दी थी, इसके बाद दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने तीन जजों की बेंच को यह मामला सौंपा था। चीफ जस्टिस ने हालांकि स्पष्ट कर दिया था कि सुप्रीम कोर्ट सिर्फ पुरी में रथ यात्रा को लेकर ही सुनवाई करेगा, ओडिशा में अन्य जगहों की रथ यात्राओं को लेकर नहीं।
ओडिशा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का समर्थन किया
इससे पहले आज केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा मामले का उल्लेख करते हुए कहा था कि लोगों की भागीदारी के बिना इसके आयोजन की अनुमति दी जा सकती है। ओडिशा सरकार ने कुछ प्रतिबंधों के साथ पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आयोजन के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का समर्थन किया है।
सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं दाखिल गई थीं
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 18 जून को रथ यात्रा की अनुमति नहीं मिलने के फैसले पर फिर से विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं डाली गई थीं। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को सुनवाई के दौरान कहा था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा सुरक्षा के हित को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष पुरी में रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती, अगर हम इस वर्ष रथ यात्रा आयोजित होने देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।
मुगलकाल में रुकी थी भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा
गौरतलब है कि पिछली बार मुगलकाल में पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा को रोका गया था। अगर इस बार पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ का आयोजन नहीं होता तो करीब 300 वर्ष में दूसरी बार ऐसा होता। ध्यान रहे कि भुवनेश्वर के एनजीओ ओडिशा विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर कर कहा था कि पुरी में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा से कोरोना फैलने का खतरा रहेगा।