वैश्विक महामारी कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से मुकाबले के लिए लोकसभा में आज यानि 15 सितंबर को संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन (संसोधन) विधेयक, 2020 पास हो गया। इसके तहत एक वर्ष तक सांसदों को सैलरी 30 फीसदी कटकर मिलेगी, इसके अलावा सांसद निधि भी 2 साल के लिए स्थगित कर दी गई है।
ज्यादातर सांसदों ने केंद्र के इस फैसले का समर्थन किया
लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान ज्यादातर सांसदों ने केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन किया, लेकिन साथ ही उनकी मांग रही कि केंद्र सरकार सांसद निधि को स्थगित नहीं करे। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार हमारी पूरी सैलरी ले ले, कोई भी सांसद इसका विरोध नहीं करेगा, लेकिन सांसद निधि पूरी मिलनी चाहिए, जिससे कि हम लोगों के फायदे के लिए काम कर सकें। वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार 60 फीसदी भी हमारी सैलरी काट ले, हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सांसद निधि रोकने का कोई कारण नहीं बनता, हमारे क्षेत्र के लोगों ने टैक्स को जो पैसा दिया है, वो पैसा उन्हें वापस तो मिलना चाहिए।
संसद के दोनों सदनों में कुल 790 सांसद हैं
ध्यान रहे कि संसद के दोनों सदनों में 790 सांसदों (लोकसभा के 545 और राज्यसभा के 245 सांसद) की व्यवस्था है। वर्तमान समय में लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 238 सदस्य हैं, इस तरह से संसद में 780 सांसद हैं और प्रत्येक सांसदों की सैलरी से अब 30 हजार रुपए कटेंगे और इस तरह से हर महीने 2 करोड़ 34 लाख रुपए की बचत होगी। इसके अलावा प्रत्येक सांसदों को हर साल 5 करोड़ रुपए उनके सांसद निधि के तहत मिलता है जो अब 2 साल के लिए स्थगित कर दी गई है।