बिहार में कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार ने नीतीश कुमार सरकार को चिंता में डाल दिया है, जिसकी वजह से राज्य में एक बार फिर से पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आदेश जारी करना पड़ा है।
कोरोना की बढ़ती रफ्तार ने नीतीश सरकार को चिंता में डाला
बिहार में कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार ने नीतीश कुमार सरकार को चिंता में डाल दिया है, जिसकी वजह से राज्य में एक बार फिर से पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आदेश जारी करना पड़ा है। बिहार के मुख्य सचिव कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में 16 जुलाई से 31 जुलाई तक पूर्ण लॉकडाउन किया गया है। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी आज राज्य में पूर्ण लॉकडाउन की जानकारी दी है।
जून में रोजाना कोरोना की रफ्तार 200-250 थी, जबकि जुलाई में 800-1200 के करीब पहुंची
ध्यान रहे की बिहार में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले राज्य में तेजी से बढ़े हैं, जून महीने में राज्य में जहां एक दिन में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने की रफ्तार 200-250 थी, वहीं जुलाई महीने में यह रफ्तार अब रोजाना 800-1200 के करीब पहुंच चुकी है। इससे पहले लगातार बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए 7 जुलाई को बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर निर्देश दिए थे कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों का आकलन करें और आवश्यकता के आधार पर आंशिक लॉकडाउन का निर्णय लें।
बिहार में पहली बार राज्य सरकार ने 23 मार्च की रात से लॉकडाउन प्रभावी किया था
मुख्यसचिव के निर्देश के बाद पहले 9 जुलाई से भागलपुर में, 10 जुलाई से पटना में आंशिक लॉकडाउन लागू किया गया, इसके बाद अगले ही दिन करीब 15 जिलों में आंशिक लॉकडाउन लगा दिया गया था। गौरतलब है कि बिहार में पहली बार राज्य सरकार ने 23 मार्च की रात से लॉकडाउन प्रभावी किया था, इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन किया, जो चार चरणों में 31 मई तक चलता रहा, इसके बाद 1 जून से अनलॉक-1 तथा 1 जुलाई से अनलॉक-2 प्रभावी किया गया।