पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन विवाद के बीच भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में अपनी निगरानी बढ़ा दी है। भारतीय नौसेना तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रीय सुरक्षा के मद्देनजर अमेरिकी नौसेना तथा जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स जैसी विभिन्न अनुकूल नौसेना बलों के साथ अपने परिचालन सहयोग को बढ़ा रही है।
भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में जापानी नौसेना के साथ युद्धाभ्यास किया
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन विवाद के बीच भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में अपनी निगरानी बढ़ा दी है। भारतीय नौसेना तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रीय सुरक्षा के मद्देनजर अमेरिकी नौसेना तथा जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स जैसी विभिन्न अनुकूल नौसेना बलों के साथ अपने परिचालन सहयोग को बढ़ा रही है। ध्यान रहे कि 27 जून को भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में जापानी नौसेना के साथ एक महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास किया था।
जापान के साथ अभ्यास में चार युद्धपोत शामिल थे
हिंद महासागर एक ऐसा क्षेत्र है, जहां चीनी नौसेना के जहाज और पनडुब्बियां लगातार दिखती रहती हैं। जापान के साथ अभ्यास में चार युद्धपोत शामिल थे, जिसमें दो भारत के और दो युद्धपोत जापान के थे। भारतीय नौसेना के प्रशिक्षण पोत आईएनएस राणा तथा आईएनएस कुलुश, जबकि जापानी नौसेना के जेएस काशिमा तथा जेएस शिमायुकी ने इस अभ्यास में भाग लिया था। यह अभ्यास इसलिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर भारत के साथ उलझा चीन दक्षिण चीन सागर के साथ-साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी आक्रमक रुख अपने की कोशिश में है।
नौसना को अपनी गश्त के दौरान चौकन्ना रहने को कहा गया है
संसाधन संपन्न क्षेत्रों चीन के बढ़ते प्रयासों के मद्देनजर अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान तथा फ्रांस की नौसेनाएं भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपने सैन्य सहयोग को गहरा कर रही हैं। गौरतलब है कि 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों के शहीद होने के बाद भारत सरकार ने तीनों सेनाओं को अलर्ट कर दिया है। भारतीय नौसना को हिंद महासागर के उन क्षेत्रों में अपनी निगरानी को बढ़ाने के लिए कहा गया है, जिस ओर चीनी नौसेना की गतिविधियां लगातार हो रही हैं। सेना की गतिविधियों पर जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों ने इस बारे में बताया है कि नौसना को अपनी गश्त के दौरान और चौकन्ना रहने को कहा गया है।