कृषि कानूनों के मसले पर केंद्र सरकार और किसानों के बीच नौवें दौर की बातचीत आज खत्म हो गई है। इस बार भी बातचीत बेनतीजा रही। किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, जबकि केंद्र सरकार संशोधन तक ही जा रही है।
कानून वापस नहीं ले सकते- केंद्र सरकार
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में आज 8 जनवरी को एक बार फिर केंद्र सरकार ने किसान नेताओं के सामने कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि कृषि कानून वापस नहीं ले सकते क्योंकि काफी किसान इसके पक्ष में हैं, वहीं किसान नेता कृषि कानून रद्द करने की मांग दुहराते रहे। केंद्र सरकार के रुख से नाराज किसानों ने बैठक के बीच में लंगर खाने से मना कर दिया, तल्खी बढ़ने पर केंद्र सरकार ने लंच ब्रेक का आग्रह किया तो किसान नेताओं ने कहा कि ना रोटी खाएंगे ना चाय पिएंगे।
अगली चर्चा में समाधान की उम्मीद- तोमर
नौवें दौर की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कानूनों पर बैठक में चर्चा हुई लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ, अगली चर्चा में समाधान की उम्मीद है। दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की वार्ता अब 15 जनवरी को होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा खाद्य मंत्री पीयूष गोयल, पंजाब से सांसद सोम प्रकाश ने करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में वार्ता की। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साथ आज बैठक से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
हम लड़ाई जारी रखेंगे- हन्नान मोल्लाह
बैठक के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि बैठक के दौरान तीखी बहस हुई, हमने कहा कि हम कृषि कानूनों को निरस्त करने के अलावा कुछ नहीं चाहते हैं, हम किसी भी अदालत में नहीं जाएंगे, हम लड़ाई जारी रखेंगे, 26 जनवरी को हमारी परेड योजना के अनुसार होगी। कुछ किसान बैठक में तख्ती लिए थे, जिसपर लिखा था कि ‘हम या तो मरेंगे या जीतेंगे।’
44वें दिन किसानों का आंदोलन जारी
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हम लोग मई, 2024 तक यहां पर बैठेंगे, अगर केंद्र सरकार कह रही है कि कानून वापस नहीं होंगे तो हम भी बैठे हैं. हम 26 तारीख को परेड करेंगे ट्रैक्टरों की, सरकार ने कहा 15 जनवरी को आ जाओ तो हम 15 जनवरी को आ जाएंगे। ध्यान रहे कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज लगातार 44वें दिन दिल्ली की सीमाओं पर जारी है।
किसानों ने कल ट्रैक्टर रैली निकाली थी
आंदोलन में शामिल किसानों ने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही है। ध्यान रहे कि केंद्र सरकार के साथ बातचीत से पहले कल यानि 7 जनवरी को हजारों किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इससे पहले 4 जनवरी को हुई 8वें दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी, क्योंकि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे, वहीं केंद्र सरकार ‘समस्या’ वाले प्रावधानों या गतिरोध दूर करने के लिए अन्य विकल्पों पर ही बात करने पर जोर दिया था।