पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से सम्मानित करने का फैसला किया है।
गिलानी को मिलेगा पाक का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान‘
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से सम्मानित करने का फैसला किया है। इसको लेकर पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन सीनेट में प्रस्ताव स्वीकार हो गया है। पाकिस्तानी सीनेट ने पाकिस्तान सरकार से यह भी कहा है कि इस्लामाबाद में प्रस्तावित एक विश्वविद्यालय का नाम भी सैयद अली शाह गिलानी के नाम पर रखा जाए। इस प्रस्ताव में यह भी मांग की गई है कि सैयद अली शाह गिलानी की जीवनगाथा को राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। ध्यान रहे पाकिस्तानी सीनेट ने इस प्रस्ताव को कल यानि 27 जुलाई को मंजूरी दी।
गिलानी जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की आवाज बने- पाक सीनेट
पाकिस्तान द्वारा सैयद गिलानी को यह सम्मान जम्मू-कश्मीर में वहां के लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए दिया जा रहा है। पाकिस्तानी सीनेट ने प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में रहते हुए भारतीय सेना और सरकारों के खिलाफ आवाज उठाई और जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की आवाज बने। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सीनेट ने भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के खत्म किए जाने की पहली सालगिरह पर पीओके यानि पाक अधिकृत कश्मीर में बनी अपनी कथित विधानसभा में 5 अगस्त को विशेष सत्र बुलाने को भी अनुमति दी है। 90 वर्षीय सैयद अली शाह गिलानी ने अभी हाल ही में ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अपने ‘आजीवन चेयरमैन’ के पद से इस्तीफा दे दिया था।
पाकिस्तान के इस फैसले का भाजपा ने किया विरोध
सैयद गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने के इस फैसले पर जम्मू-कश्मीर भाजपा ने विरोध प्रकट किया है, जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि हु्र्रियत और पाकिस्तान में कोई अंतर नहीं है, दोनों एक ही है, यहां हुर्रियत के नेता पाकिस्तान के इशारों पर ही चलते हैं और कार्रवाइयों को अंजाम देते हैं, जिसका अंजाम जम्मू-कश्मीर के निर्दोष लोगों को भुगतना पड़ता है और उनकी जान चली जाती है।