बिलकिस बानो केस में दायर अर्जी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। दरअसल, बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया गया था, जिसके बाद गुजरात सरकार के फैसले को को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
बिलकिस बानो केस की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
बिलकिस बानो केस में दायर अर्जी पर सुनवाई के लिए देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। बिलकिस बानो की तरफ से दायर अर्जी में 11 लोगों को सजा में छूट को चुनौती दी गई है। आज 23 अगस्त 2022 को वकील अपर्णा भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि शीर्ष न्यायालय ने राज्य सरकार को इस मामले में विचार करने का अधिकार दिया था, जबकि वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वह सजा में मिली छूट को चुनौती दे रहे हैं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एक गर्भवती महिला से रेप हुआ और उसके परिवार के 7 लोग मारे गए। इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को देखेगा। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली, रेवती लाल, रूप रेखा वर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी अर्जी दायर की है।
दोषियों को रिहा नहीं किया जा सकता- पीआईएल
इस पीआईएल में कहा गया है कि दोषियों को रिहा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह मामले सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या से जुड़ा है। ध्यान रहे कि गुजरात सरकार ने 15 अगस्त 2022 को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गर्भवती बिलकिस बानो के साथ दुष्कर्म और उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए सभी 11 लोगों को अपनी छूट नीति के तहत रिहा कर दिया। गुजरात सरकार के इस फैसले की आलोचना हुई है।
बिलकिस बानो ने सरकार के फैसले की आलोचना की
गुजरात सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए बिलकिस बानो ने कहा कि ‘इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण फैसला’ लेने से पहले किसी ने उनकी सुरक्षा के बारे में नहीं पूछा और नाही उनके भले के बारे में सोचा। उन्होंने गुजरात सरकार से उन्हें ‘बिना डर के शांति से जीने’ का अधिकार देने को कहा। बिलकिस बानो की ओर से उनकी वकील शोभा द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा कि ‘2 दिन पहले 15 अगस्त 2022 को जब मैंने सुना कि मेरे परिवार और मेरी जिन्दगी बर्बाद करने वाले, मुझसे मेरी 3 साल की बेटी को छीनने वाले 11 दोषियों को आजाद कर दिया गया है तो 20 साल पुराना भयावह अतीत मेरे सामने मुंह बाए खड़ा हो गया।’