समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा एवं बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला को एक कथित भूमि विवाद संलिप्तता मामले में देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आज 22 जनवरी को राहत देते हुए जमानत दे दी।
आजम, तंजीन और अब्दुल्ला को मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल की गयी अपील को खारिज करते हुए सपा नेता आजम खान और पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा एवं बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला को राहत देते हुए जमानत दे दी। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 21 जनवरी को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सपा नेता आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा एवं बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला की जमानत रद्द करने की यूपी सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था, इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जमानत देने के फैसले को यूपी सरकार ने चुनौती दी थी।
यूपी सरकार की ओर से दायर अपील खारिज
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में जेल में बंद आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा एवं बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला की जमानत अर्जी मंजूर कर इन्हेंउ तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने 21 जनवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया था।
आजम-तंजीन व अब्दुल्ला ने कोर्ट में किया था समर्पण
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जन्म प्रमाणपत्र की कथित जालसाजी से संबंधित मामले में आजम खान और उनकी पत्नी डॉ तंजीन फातिमा एवं बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला को जमानत देते हुए कहा था कि तीनों आरोपितों ने पिछले साल फरवरी में अदालत में समर्पण कर दिया था। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान और उनकी पत्नी एवं बेटे के लिए दो जन्म प्रमाणपत्र जारी किए जाने की शिकायत की थी, एक जन्म प्रमाणपत्र 28 जनवरी, 2012 को नगर पालिका परिषद, रामपुर और दूसरा 21 अप्रैल, 2015 को नगर निगम लखनऊ से जारी किए जाने की शिकायत की थी। साथ ही कहा था कि पहले जन्म प्रमाणपत्र में जन्मतिथि 1 जनवरी, 1993 और दूसरे जन्म प्रमाण पत्र में जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 है, पहले जन्म प्रमाणपत्र का इस्तेमाल पासपोर्ट बनाने और दूसरे जन्म प्रमाणपत्र का इस्तेमाल सरकारी दस्तावेजों व विधानसभा चुनाव लड़ने में किया गया है।