केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों कृषि कानून के लागू होने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक लगा दी है। सर्वोच्च अदालत ने इसके साथ अब इस मसले को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है। केंद्र सरकार और किसानों के बीच लंबे वक्त से चल रही बातचीत का हल ना निकलने पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया है।
चार सदस्यीय कमेटी का गठन
सुप्रीम कोर्ट ने आज 12 जनवरी को केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा कि दुनिया की कोई ताकत उसे नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति का गठन करने से नहीं रोक सकती और उसे समस्या का समाधान करने के लिए कानून को निलंबित करने का अधिकार है।
कमेटी 2 महीने में रिपोर्ट देगी
ध्यान रहे कि 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन से निबटने के तरीके पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि किसानों के साथ उसकी बातचीत के तरीके से वह बहुत निराश है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को ही यह संकेत दे दिया था कि वह नए कृषि कानूनों का अमल रोक देगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चार सदस्यीय कमेटी 10 दिन में काम शुरू करे तथा इसके रिपोर्ट 2 महीने में दे, कमेटी की पहली बैठक आज से 10 दिनों के भीतर आयोजित की जाएगी।
अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी
सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के सदस्य के तौर पर 4 लोगों को शामिल किया है, ये लोग हैं- भारतीय किसान यूनियन नेता भूपिंदर सिंह मान, महाराष्ट्र के शेतकरी संगठन के नेता अनिल घनवटे, कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी तथा खाद्य नीति विशेषज्ञ प्रमोद जोशी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 4 मुख्य बिंदु हैं- 1. नए कानूनों के अमल पर रोक,
2, फिलहाल एमएसपी व्यवस्था बनी रहे व जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए,
3. 4 सदस्यीय कमेटी 10 दिन में काम शुरू करे, इसके रिपोर्ट 2 महीने में दे
तथा 4. इस मामले की अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी।
आज 48वें दिन भी आंदोलन जारी
इस बीच कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 48वें दिन भी जारी है। किसानों ने केंद्र सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। ध्यान रहे कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने की जिद पर अड़े किसान इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं।
किसान सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश- टिकैत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किसान संगठनों ने असहमति जताई है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश के किसान सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं, अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में कमेटी ने सिफारिश की थी, गुलाटी ने ही कृषि कानूनों की सिफारिश की थी। राकेश टिकैत ने ट्वीट किया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित कमेटी के सभी सदस्य खुली बाजार व्यवस्था या कानून के समर्थक कर रहे हैं, अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ही इन कानून को लाए जाने की सिफारिश की थी, देश का किसान इस फैसले से निराश है। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मांग कानून को रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की है, जब तक यह मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
कमेटी पर सुरजेवाला ने जताया ऐतरात
सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले पर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो चिंता जाहिर की उसका हम स्वागत करते हैं, लेकिन जो चार सदस्यीय कमेटी बनाई वो चौंकाने वाला है, ये चारों सदस्य पहले ही काले कानून के पक्ष में अपना मत दें चुके हैं। सुरजेवाला ने कहा कि ये किसानों के साथ क्या न्याय कर पाएंगे ये सवाल है, ये चारों तो मोदी सरकार के साथ खड़े हैं, ये क्या न्याय करेंगे। उन्होंने कहा कि एक ने लेख लिखा, एक ने मेमेरेंडम दिया, एक ने चिट्ठी लिखी तथा एक पेटिशनर है।