बिहार में नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन-2 सरकार बनने के बाद बिहार विधानसभा का विशेष सत्र आज आयोजित होगा। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार किया, लेकिन बाद में वे अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग के लिए राजी हो गए।
वोटिंग के लिए राजी हुए विजय सिन्हा
बिहार विधानसभा का विशेष सत्र आज 24 अगस्त 2022 को आयोजित होगा। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने विशेष सत्र से ठीक 1 दिन पहले ऐलान कर दिया कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे, सत्तापक्ष की ओर से खुद के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को उन्होंने नियम विरुद्ध करार दिया, यह भी कहा कि सदन में सबसे पहले सरकारी कामकाज होंगे, उनका आशय यह था कि पहले महागठबंधन सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग होगी, शाम 7.09 बजे उन्होंने इसी तरह का कार्यक्रम भी भेजा, लेकिन फिर 9.17 बजे उसे संशोधित कर दिया। अब स्पीकर विजय सिन्हा अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग के लिए राजी हो गए। इससे पहले ही विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा की मंशा समझ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा सचिव को लिखा था कि अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को कार्यवाही में प्राथमिकता दी जाए।
विजय सिन्हा ने की इस्तीफा नहीं देने की घोषणा
विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने 23 अगस्त 2022 को विधानसभा की प्रेस सलाहकार समिति की बैठक में अपने पद से इस्तीफा नहीं देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सभा अध्यक्ष संसदीय नियमों तथा परंपराओं का संरक्षक है, यह केवल पद नहीं है, बल्कि एक न्यास का अनुरक्षक भी है, इसलिए इस दायित्व के साथ जब तक मैं बंधा हूं, तब तक अपने व्यक्तिगत सम्मान से ऊपर लोकतांत्रिक न्यास की गरिमा को संरक्षित और सुरक्षित रखना मेरा कर्तव्य है, इसलिए जब विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में मेरे विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तो मैंने उसे अपने ऊपर नहीं, बल्कि आसन के प्रति अविश्वास के रूप में देखा।
सरकार के पास 164 सदस्यों का बहुमत- हजारी
विजय सिन्हा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव का जो नोटिस सभा सचिवालय को दिया गया, उसमें नियम प्रावधान और संसदीय शिष्टाचार की अनदेखी की गई है। इस बीच डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने कहा कि अध्यक्ष पद से विजय कुमार सिन्हा का इस्तीफा नहीं देना गलत परंपरा की शुरुआत है, सरकार के पास 164 सदस्यों का बहुमत है, जो रोज आसन पर बैठकर सदस्यों को नैतिकता की दुहाई देते रहे हैं, वह इस्तीफा नहीं कर रहे हैं, तो इससे दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता।
स्पीकर को ऐसे हटा सकती है नीतीश सरकार
ध्यान रहे कि बिहार विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली के नियम 110 में अध्यक्ष को पद से हटाने के संकल्प को देने का प्रावधान है जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 179 से उद्भूत है। इस प्रकार के प्रस्ताव की स्वीकृति/अस्वीकृति का निर्णय सदन के अध्यासी सदस्य ही कर सकते हैं जिसका आधार 38 सदस्य के खड़ा होकर संकल्प प्रस्ताव का समर्थन करना अथवा कम सदस्य का खड़ा होना होगा। दरअसल, अध्यक्ष के निर्वाचन में सभी भूमिका सदस्यों और सदन की होती है, इसलिए उन्हें पद से हटाने की शक्ति भी इन्हीं में निहित है।