बिहार में फरार आईपीएस आदित्य कुमार को गिरफ्तार करने के लिए एसआईटी बनाई गई है। आईपीएस आदित्य कुमार 2011 बैच के आईपीएस हैं, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले हैं। आदित्य कुमार पर शराब माफिया से मिलीभगत का आरोप लगा है।
एसआईटी दूसरे राज्यों में करेगी छापेमारी
आईपीएस आदित्य कुमार को गिरफ्तार करने के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। एसआईटी की टीम गिरफ्तारी के लिए दूसरे राज्यों में भी छापेमारी कर सकती है। इसका मतलब साफ है कि आईपीएस आदित्य कुमार किसी भी राज्य में हों उनकी गिरफ्तारी तय है, इस संबंध में बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने शुक्रवार यानि 4 नवंबर 2022 को जानकारी दी।
एसआईटी को विशेष अधिकार- गंगवार
एडीजी जेएस गंगवार ने बताया कि मामले का अनुसंधान आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा किया जा रहा है, इस घटना में जांच के दौरान सामने आए सभी आरोपी पकड़े जा चुके हैं, इसमें मुख्य आरोपी आईपीएस आदित्य कुमार हैं जिनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, टीम को विशेष अधिकार प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि इस मामले में अंतरराज्यीय टीम बनाई गई है, जो बिहार ही नहीं देश के अन्य राज्यों में भी जाकर जांच करेगी, कानून से ऊपर कोई नहीं है, अनुसंधान जारी है।
शराब माफिया से मिलीभगत का आरोप
ध्यान रहे कि आदित्य कुमार पर गया के एसपी रहने के दौरान शराब माफिया से मिलीभगत का आरोप लगा था, इस पर जांच के लिए टीम बनाई गई थी। इसके साथ ही आदित्य कुमार पर जालसाजी के तहत अपने मित्र अभिषेक के माध्यम से पटना हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बन कर बिहार पुलिस के डीजीपी एसके सिंघल को फोन करवाने और अपने ऊपर लगे केस को हटवाने का भी आरोप है।
एसआईटी में तेज तर्रार अफसर
बताया गया है कि आईपीएस आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के लिए बनाए एसआईटी में तेज तर्रार अफसर हैं, वो इसलिए ताकि आदित्य कुमार को पकड़ा जा सके। ईओयू फरार आईपीएस आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के लिए टेक्निकल इंटेलिजेंस की भी मदद ले रही है।