बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 के मद्देनजर बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल यानि राजद ने चुनाव आयोग से बदलाव की अनुशंसा की है तथा लिखा है कि चुनाव में सत्ताधारी दलों से वोट में हेरफेर का राजद को डर है, इसलिए पद्धति में बदलाव की जाए।
मनोज झा ने चुनाव आयोग को सौंपा ज्ञापन
राजद के वरिष्ठ नेता व मुख्य प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने चुनाव आयोग को आज 17 अक्टूबर को ज्ञापन सौंपा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिए गए इस ज्ञापन में राजद ने चुनाव आयोग से बदलाव की अनुशंसा की है और लिखा है कि चुनाव में सत्ताधारी दलों से वोट में हेर फेर का राजद को डर है, इसलिए पद्धति में बदलाव की जाए। चुनाव आयोग को दिए गए इस ज्ञापन में मनोज झा ने लिखा है कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के और कोरोना पीड़ित मतदाताओं के लिए जो बैलेट पेपर की व्यवस्था की जाएगी, उसमें राजद को अंदेशा है कि सत्ताधारी दल धांधली कर सकता है, इसलिए राजद मांग करती है कि विधानसभा वार ऐसे उम्मीदवारों की सूची सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाए ताकि दल के पोलिंग एजेंट इस प्रक्रिया में सहभागी हो सके।
तमाम पहलुओं पर बदलाव किया जाए- मनोज झा
राजद ने चुनाव आयोग से यह भी आग्रह किया है कि मतदान के पश्चात प्रति बूथ मतदान की संख्या के सत्यापित कॉपी बूथ एजेंट को उपलब्ध कराए जाएं, बीते वर्ष के अनुभव के आधार पर यह आवश्यक है कि मतगणना के बाद ईवीएम में पड़े वोट और पोलिंग बूथ के मत का मिलान किया जा सके किसी भी विसंगति की स्थिति में पोलिंग बूथ के सत्यापित मतों को ही प्रमाणित माना जाए चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का संरक्षक हैं, इसलिए इन तमाम पहलुओं पर बदलाव किया जाए।
राजद का आरोप अनावश्यक- राजीव रंजन
राजद के इस ज्ञापन पर तंज कसते हुए हुए जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि चुनाव आयोग के पास कोई भी दल अपनी किसी भी तरह की समस्या के लिए ज्ञापन दे सकता है, लेकिन राजद ने जो आरोप लगाया है यह अनावश्यक है, ऐसे आरोप लगाकर वह अपनी ही छवि धूमिल कर रहे हैं। राजीव रंजन ने कहा कि जो उनके समय में होता आया था उसी बात को वह दोहराना चाहते हैं, जबकि उनको ज्ञात होना चाहिए कि बिहार बदल चुका है, 15 सालों में इस तरह की धूमिल छवि को बिहार पूरी तरह मिटा चुका है तो क्या 15 साल पहले की बिहार की चुनाव की वह बात कर रहे हैं ये।