भारत ने आज संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council- UNHRC) में उस मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के परिणामस्वरूप तत्काल एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग स्थापित करने का निर्णय लिया।
भारत ने मतदान में नहीं लिया हिस्सा
संयुक्त राष्ट्र की 47 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक मसौदा प्रस्ताव पर आज 4 मार्च को मतदान हुआ तथा प्रस्ताव पारित कर दिया गया। प्रस्ताव के पक्ष में 32 मत पड़े जबकि 2 वोट (रूस और इरित्रिया) इसके खिलाफ पड़े, वहीं भारत, चीन, पाकिस्तान, सूडान और वेनेजुएला समेत 13 देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
इन देशों ने किया प्रस्ताव के पक्ष में समर्थन
प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में फ्रांस, जर्मनी, जापान, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने ट्वीट किया कि ‘यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के परिणामस्वरूप मानवाधिकार परिषद ने तत्काल एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया है।’ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि मैं यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध अपराधों के तथ्यों की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग की यूएन मानवाधिकार परिषद की स्थापना का स्वागत करता हूं।
भारत का सुरक्षा परिषद व महासभा में स्टैंड
गौरतलब है कि भारत ने पिछले एक हफ्ते के दौरान 15 देशों की सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर 2 प्रस्तावों और 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में 1 प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया है। 193 सदस्यीय महासभा ने 2 मार्च 2022 को यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करने के लिए मतदान किया और यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की ‘कड़े शब्दों में निंदा’ की, इसमें मांग की गई कि मास्को ‘पूरी तरह से और बिना शर्त’ यूक्रेन के क्षेत्र से अपने सभी सैन्य बलों को वापस हटा ले।