
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती की है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत ने आज प्रेस कॉन्फ्रेस करके रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.4 फीसदी की कमी करने का ऐलान किया।
रेपो रेट 4.40 फीसदी से घट कर 4 फीसदी रह गया
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती की है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत ने आज प्रेस कॉन्फ्रेस करके रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.4 बेसिस प्वाइंट की कमी करने का ऐलान किया। इस तरह अब रेपो रेट 4.40 फीसदी से घट कर 4 फीसदी रह गया है, बैंकों को अब आरबीआई से कम ब्याज पर लोन मिलेगा तथा बैंक यह फायदा ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं, हालांकि इससे बचत पर ब्याज दर घटने के भी संकेत मिले हैं।
रिवर्स रेपो रेट 3.75 फीसदी से घट कर 3.35 फीसदी रह गया
रिवर्स रेपो रेट में भी 0.4 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद यह 3.75 फीसदी से घट कर 3.35 फीसदी रह गया है। इससे पहले 19 अप्रैल को आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कमी की थी, जिसके बाद यह 3.75 फीसदी रह गया था। आरबीआई ने मोराटोरियम पीरियड को और 3 महीने के लिए 31 अगस्त, 2020 तक बढ़ा दिया है।
इस वर्ष मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान लगाया गया है
ध्यान रहे कि भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, उसमें भी 8 लाख करोड़ रुपए की लिक्विडिटी भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से घोषित है। शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लॉकडाउन के कारण भारत समेत दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर बुरा पड़ा है, खाने-पीने समेत जरूरी चीजों के दाम बढ़े हैं, हालांकि अच्छी बात यह है कि इस वर्ष मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान लगाया गया है।
अप्रैल, 2020 में निर्यात में 60.3 फीसदी की कमी आई
शक्तिकांत दास ने कहा कि लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है, लेकिन जैसे-जैसे हालात सामान्य होंगे, अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी, वर्ष 2020-21 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 9.2 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अभी 487 बिलियन डॉलर का है। भारत की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2020-21 में निगेटिव रहने का अनुमान है, कोरोना के वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है। मांग तथा उत्पादन में कमी आई है, अप्रैल, 2020 में निर्यात में 60.3 फीसदी की कमी आई है।