वैश्विक महामारी कोविड-19 संकट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अभी सबसे बड़े संकट की दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत की अर्थव्यवस्था देश की स्वतंत्रता के बाद सबसे बुरी दौर में है।
भारत की अर्थव्यवस्था स्वतंत्रता के बाद सबसे बुरी दौर में
वैश्विक महामारी कोविड-19 संकट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था भी सबसे बड़े संकट की दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 1947 यानि देश की स्वतंत्रता के बाद सबसे बुरी दौर में है। रघराम राजन ने भारत सरकार को अपनी सलाह देते हुए कहा कि अभी सरकार को इस आर्खित संकट से बाहर निकलने में विपक्षी पार्टियों तथा आर्थिक विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए। रघुराम राजन ने यह बात ‘मौजूदा समय में संभवत: भारत की सबसे बड़ी चुनौती’ शीर्षक नाम से ब्लॉग में लिखा है।
लॉक डाउन होने से सब कुछ ठप पड़ा
रघुराम ने कहा कि वर्ष 2008-09 के वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान मांग में काफी कमी आई थी, तब भी भारत के कामगार काम पर जा रहे थे, फैक्ट्रियां चल रही थीं, इसलिए वित्तीय स्थिति ठीक थी, लेकिन आज भारत में कोरोना महामारी के कारण देशव्यापी लॉक डाउन होने से सब कुछ ठप पड़ा है, जिसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है, भारत की आर्थिक स्थिति बुरी दौर में आ गई है।
राजन ने कहा, भारत के पास पर्याप्त संसाधन
रघुराम ने कहा कि भारत के पास पर्याप्त संसाधन है, इसका उचित तरीके से उपयोग किया जाए तो हम इस वैश्विक महामारी और खराब आर्थिक स्थिति से उबर सकते हैं तथा आगे आने वाले समय के लिए भी तैयार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस वक्त देश को अर्थव्यवस्था के बड़े संकट से निकालने के लिए भारत सरकार को विपक्षी पार्टियों से उनसे सुझाव लेना चाहिए व इनका अनुभव भी साझा करना चाहिए तथा आर्थिक विशेषज्ञों से सलाह मशवीरा भी लेनी चाहिए। राजन ने कहा कि भारत को अगर इस बुरी अर्थव्यवस्था से बाहर निकलना है तो, देशव्यापी लॉक डाउन को ज्यादा लंबे समय तक नहीं रख सकते हैं, हमें कोरोना महामारी से लड़ाई को सीमित रखते हुए आर्थिक गतिविधियों को दोबार शुरु करना चाहिए, अन्यथा बहुत देरी हो जाएगी। गौरतलब है अब तक भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 4300 को पार कर चुकी है, जबकि कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या 121 हो चुकी है।