वैश्विक महामारी कोरोना संकट के दौरान चीन के साथ विवाद के बीच भारत की ताकत को कई गुना बढ़ाने वाले राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप अंबाला एयरबेस पहुंच गई है। इन राफेल विमानों को वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने रिसीव किया।
राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप अंबाला एयरबेस पहुंची
वैश्विक महामारी कोरोना संकट के दौरान चीन के साथ विवाद के बीच भारत की ताकत को कई गुना बढ़ाने वाले राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप अंबाला एयरबेस पहुंच गई है। फ्रांस से आए 5 राफेल विमानों ने आज भारतीय सरजमीं को छू लिया है, इन राफेल विमानों को वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने खुद रिसीव किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी खुद ट्विट करके दी।
राफेल का भारत आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत- राजनाथ
राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल विमानों का भारत आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है, साथ ही उन्होंने भारतीय वायुसेना को इसके लिए बधाई दी। भारतीय वायु सेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इनकी तस्वीरों को भी शेयर किया। वायु सेना ने अपने ट्विट में लिखा गोल्डेन एरो का स्वागत है। राफेल विमानों का सुखोई ने स्वागत किया। ध्यान रहे कि राफेल विमानों के बेड़े को वायु सेना ने ‘गोल्डेन एरो‘ नाम दिया है।
राष्ट्र रक्षा से बढ़कर न कोई पुण्य है, न कोई व्रत है और न कोई यज्ञ है- मोदी
राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा फ्रांस से भारत पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल की लैंडिंग का वीडियो साझा करते हुए संस्कृत में ट्विट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने संस्कृत में ट्विट करके कहा कि राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्, राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च नभः स्पृशं दीप्तम् स्वागतम् ! यानि राष्ट्र रक्षा से बढ़कर न कोई पुण्य है, न कोई व्रत है और न कोई यज्ञ है।
राफेल विमानों को 2 सुखोई-30 एमकेआई ने अपने घेरे में लिया
फ्रांस से करीब 7000 किलोमीटर का हवाई सफर तय करके 5 राफेल विमान आज यानि 29 जुलाई को दोपहर 3 बजे अंबाला एयरबेस पहुंचा। भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद राफेल विमानों को 2 सुखोई-30 एमकेआई ने अपने घेरे में ले लिया और इन्हें अंबाला एयरबेस तक लेकर आए। राफेल विमानों ने 27 जुलाई को फ्रांस के एयरबेस से उड़ान भरी थी। ध्यान रहे कि राफेल सौदे को वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं में आ रही कमी को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
राफेल विमान की अधिकतम रफ्तार 1389 किलोमीटर प्रति घंटा
राफेल लड़ाकू विमानों को खासतौर पर भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया है, इसमें भारतीय परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुए हेल्मेट माउंटेड साइट, रडार चेतावनी रिसीवर, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर, इंफ्रारेड सर्च और ट्रैक सिस्टम, जैमर, उच्च ऊंचाई वाले ठिकानों से संचालन के लिए कोल्ड इंजन जैसे फीचर्स लगाए गए हैं। 24,500 किलोग्राम वजन वाला राफेल विमान 9500 किलोग्राम भार उठाने में सक्षम है, इसकी अधिकतम रफ्तार 1389 किलोमीटर प्रति घंटा है, राफेल विमान एक बार उड़ान भरने के बाद 3700 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकता है।