वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए 40 दिनों के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने है कहा कि कोरोना संकट से यह अहसास हो गया है कि दुनिया को अब नए बिजनस मॉडल्स की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात सोशल मीडिया लिंक्डइन पर शेयर किए गए एक आर्टिकल में कहा है।
भारत कोविड-19 के बाद की दुनिया को नया मॉडल देगा !
वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए 40 दिनों के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने है कहा कि कोरोना संकट से यह अहसास हो गया है कि दुनिया को अब नए बिजनस मॉडल्स की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया लिंक्डइन पर शेयर किए एक आर्टिकल में कहा कि युवा ऊर्जा से लबालब भारत कोविड-19 के बाद की दुनिया को यह नया मॉडल देगा। मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के महासंकट ने कितना कुछ बदल दिया, किसी ने जो सोचा नहीं होगा, वैसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं।
मोदी ने बताई ए, ई, आई, ओ, यू के जरिए नए मॉडल की रुपरेखा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि युवा ऊर्जा से लबालब भारत अब दुनिया को एक नई कार्य संस्कृति दे सकता है, क्योंकि यह देश अपने नवोन्मेषी विचारों के प्रति उत्साह के लिए मशहूर है। प्रधानमंत्री मोदी ने अंग्रेजी वर्णमाला के पांच वॉवेल्स यानि स्वर अक्षरों- ए, ई, आई, ओ तथा यू के जरिए नए बिजनस तथा वर्क कल्चर के लिए जरूरी बिंदुओं का उल्लेख किया है, ये हैं- ए से अडेप्टेबिलिटी यानि अनुकूलता, ई से एफिशिएंसी यानि दक्षता, आई से इन्क्लूसिविटी यानि समावेशिता, ओ से अपॉर्च्युनिटी यानि अवसर तथा यू से यूनिवर्सलिज्म यानि सार्वभौमिकता।
दुनिया नए प्रकार के बिजनस मॉडल्स की तलाश में
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं इसे वॉवेल्स ऑफ न्यू नॉर्मल कहता हूं, क्योंकि अंग्रेजी भाषा में वॉवेल्स की तरह ही ये भी कोविड-19 के बाद की दुनिया के नए बिजनस मॉडल के अनिवार्य अंग बन जाएंगे, आज दुनिया नए प्रकार के बिजनस मॉडल्स की तलाश कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री जन धन खातों को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़े जाने का गरीबों की जिंदगी पर पड़े असर तथा शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक के विस्तार के लाभ का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए पांच नए मॉडल की रुपरेखा इस प्रकार है-
अनुकूलता
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आसानी से अपनाए जा सकने वाले बिजनस और लाइफस्टाइल मॉडल्स वक्त की मांग हैं, ऐसा करने से संकट काल में भी हमारा कामकाज की गति प्रभावित नहीं होगी। डिजिटल पेमेंट्स को अपनाना इसका शानदार उदाहरण है, दूसरा उदाहरण टेलिमेडिसिन का है, कई डॉक्टर क्लिनिक या हॉस्पिटल गए बिना ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
दक्षता
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यही वक्त है जब हमें सोचना चाहिए कि दक्षता से हमारा तात्पर्य क्या है, दक्षता सिर्फ यह नहीं हो सकता कि हमने ऑफिस में कितना वक्त बिताया, हमें ऐसे मॉडल पर विचार करना होगा जहां उत्पादकता तथा दक्षता को ज्यादा तवज्जो मिले, हमें निश्चित समय में कोई काम पूरा करने पर जोर देना चाहिए।
समावेशिता
- प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसे बिजनस मॉडल्स अपनाने की अपील की है, जिसमें गरीबों और सबसे असहाय लोगों की जरूरतों को प्राथमिकता मिले, हमने जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में बड़ी प्रगति की है, प्रकृति ने हमें बताया है कि अगर इंसान अपनी गतिविधियां कम कर ले तो प्राकृतिक भव्यता कितनी तेजी से फैल सकती है, दुनिया में हमारे असर को घटाने वाली तकनीक और तरीकों का काफी महत्व होगा। मोदी ने कहा कि कोविड-19 ने हमें बड़े पैमाने पर किफायती स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत का अहसास करवाया है, हम इंसानों को सेहतमंद रखने में वैश्विक प्रयासों के अगुआ बन सकते हैं, हमें किसानों को सूचनाओं, मशीनरी तथा बाजारों तक पहुंच दिलाने वाले इनोवेशन में निवेश करना चाहिए।
अवसर
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर संकट अपने साथ अवसर भी लेकर आता है, कोविड-19 भी इस अवधारणा से अलग नहीं है, हमें विचार करना है कि इस संकट में हमारे लिए कौन से नए मौके बन सकते हैं, भारत को कोविड-19 के बाद की दुनिया में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करना ही होगा, हम अपने लोगों, अपने कौशल तथा अपनी मूल क्षमताओं की पहचान करें।
सार्वभौमिकता
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 हमला करने से पहले जाति, धर्म, रंग, पंथ, भाषा या सीमा नहीं देखता, इस कोरोना महामारी से पार पाने के बाद हमारी प्रतिक्रिया और हमारे व्यवहार एकता तथा भाईचारे के रूप में उभरना चाहिए, इस संकट की घड़ी में हम सब एक साथ हैं।
21वीं सदी के तीसरे दशक की शुरुआत बहुत उथल-पुथल भरी– मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस आर्टिकल में कोरोना संकट से पैदा हुई नई परिस्थितियों का जिक्र किया है तथा अपनी दिनचर्या भी बताई, उन्होंने लिखा है कि इस सदी के तीसरे दशक की शुरुआत बहुत उथल-पुथल भरी रही, कोविड-19 ने कई तरह का संकट खड़ा कर दिया, कोरोना महामारी ने प्रोफेशनल लाइफ की रूपरेखा ही बदल दी, इन दिनों घर ही नया दफ्तर बना गया है, इंटरनेट ही नया मीटिंग रूम बन चुका है, अब दफ्तर में काम के बीच सहयोगियों के साथ थोड़ा विराम इतिहास बन गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिनचर्या
प्रधानमंत्री ने मोदी ने कहा सारे बदलाव उनके जीवन में भी आए हैं, मैं भी इन बदलावों को अपना रहा हूं, ज्यादातर मीटिंग्स अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही हो रही है, चाहे मंत्रियों के साथ हों या अधिकारियों के साथ या फिर दुनियाभर के नेताओं के साथ, जमीनी स्तर की जानकारी लेने के लिए अलग-अलग पक्षों से बातचीत भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही हो रही है। उन्होंने कहा कि एनजीओ, सिविल सोसाइटी तथा सामुदायिक संस्थाओं से बातचीत हुई है, साथ ही रेडियो जॉकियों से भी बात हुई, वो प्रत्येक दिन कई लोगों को फोन करते हैं तथा समाज के सभी वर्गों की राय भी जान रहे हैं।
टेक्नोलॉजी के कारण लालफीताशाही खत्म होती है- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आर्टिकल में देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कई फिल्म स्टार, कई सिंगर तथा कई खिलाडियों के योगदान का जिक्र किया है। मोदी ने कहा है कि वर्क प्लेस अब डिजिटल हो रहे हैं, आखिरकार टेक्नोलॉजी का सबसे परिवर्तनकारी प्रभाव गरीबों की जिंदगियों पर पड़ता है, टेक्नोलॉजी के कारण लालफीताशाही खत्म होती है, बिचौलियों से पीछा छूटता है तथा कल्याणकारी योजनाओं को गति मिलती है।
भारत में कोरोना पॉजिटिव केस 17 हजार के पार, मरने वालों की संख्या 556 पहुंची
गौरतलब है कि अब तक भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 17 हजार को कर चुकी है, कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 2764 हो गई है, जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या 556 हो चुकी है। अब तक पूरे विश्व में कोरोना पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 23 लाख, 63 हजार को पार कर चुकी है तथा इससे मरने वालों की संख्या करीब 1 लाख, 62 हजार पहुंच चुकी है। विश्व में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केसों की कुल संख्या अमेरिका में करीब 7 लाख 41 हजार पहुंच चुकी है, जबकि इससे मरने वालों की संख्या यहां करीब 39 हजार हो चुकी है।