प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के सत्र को संबोधित किया। ‘कोविड-19 के बाद बहुपक्षीयता’ विषय पर आधारित इस सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला।
मोदी ने कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यूएनईएससी यानि संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के सत्र को संबोधित किया। ‘कोविड-19 के बाद बहुपक्षीयता’ विषय पर आधारित इस सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन संयुक्त राष्ट्र की 75वीं सालगिरह की पूर्व संध्या पर हुई, सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का यह पहला संबोधन था। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना संकट के इस समय में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं की भी जानकारी दी।
हमने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन में बदला- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व शांति के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि शांति और सद्भाव की स्थापना एकजुट होकर ही संभव है। वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जंग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन में बदला, भारत में कोरोना की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना से ठीक होने की दर यानि रिकवरी रेट सबसे बेहतर है। उन्होंने कोरोना काल में स्थितियों को सामान्य बनाए के लिए शुरू की गई योजनाओं और फैसलों को लेकर कहा कि हमने देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर रखने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विशेष पैकेज लाए।
हमने 6 साल में 40 करोड़ बैंक खाते खोले हैं- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में लोगों को आवास प्रदान करने के उद्देश्य से हमने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की, वर्ष 2022 में जब भारत अपनी आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा होगा, तब तक हर भारतीय के सिर पर सुरक्षित छत होगी। भारत की आम जनता के बीच बैंकिंग की स्थिति की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने 6 साल में 40 करोड़ बैंक खाते खोले हैं, जरूरतमंद लोगों के खातों में हमने सीधे राहत राशि पहुंचाई है, हम खाद्य सुरक्षा योजना लाए जिससे 80 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को फायदा मिला है।
हमारा मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा की द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया बहुत बदल गई है, भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, हम सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में जुटे हुए हैं और अन्य विकासशील देशों की भी इस कार्य में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 के एजेंडा को हासिल करने के लिए भारत पूरी कोशिश कर रहा है, हमारा मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है। उन्होंने कहा कि हम किसी को पीछे नहीं छोड़ सकते हैं, हम जनता को हर मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं।
पांच साल में हमने 38 मिलियन कार्बन उत्सर्जन कम किया- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र और भारत के संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने शुरुआत से ही संयुक्त राष्ट्र के और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के विकास कार्यों का सक्रिय समर्थन किया है, यूएनईएससी के पहले अध्यक्ष भी भारतीय ही थे, भारत ने इसके एजेंडा को स्वरूप देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भारत के प्रयासों को बताते हुए कहा कि हमने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का अभियान चलाया, हम विकास के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए पर्यावरण के बारे में भी सोच रहे हैं, इसके साथ ही 5 साल में हमने 38 मिलियन कार्बन उत्सर्जन कम किया है।
चुनौतियों से जीतने के लिए हमें मिलकर लड़ना होगा- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कैसा भी संकट हो भारत ने आगे आकर उसका सामना किया है, चाहे भूकंप हो, चक्रवात हो, इबोला संकट हो या कोई अन्य प्राकृतिक या मानव निर्मित संकट हो, सबको लेकर भारत ने तेजी और एकजुटता के साथ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हमने स्वच्छता जैसे अहम मुद्दे को गंभीरता से लिया और देश के 6 लाख गांवों में पूर्ण स्वच्छता प्राप्त करके हमने पिछले वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई, हम महिलाओं को सशक्त बनाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए सभी का योगदान बहुत जरूरी है, चुनौतियों से जीतने के लिए हमें मिलकर लड़ना होगा, यही एकमात्र रास्ता है।