
बांग्लादेश दौरे के दौरान ढाका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के पहले आंदोलनों में से एक था, मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था।
PM मोदी का दो दिवसीय बांग्लादेश दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर आज 26 मार्च को सुबह बांग्लादेश पहुंचे, जहां बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनका स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी मुख्य अतिथि के रूप में बांग्लादेश पहुंचे हैं। कोरोना काल में प्रधानमंत्री मोदी की ये पहली विदेश यात्रा है, इससे पहले वे नवंबर, 2019 में ब्राजील के दौरे पर गए थे। बांग्लादेश पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी अपने शेड्यूल के मुताबिक, सबसे पहले ढाका के राष्ट्रीय शहीद स्मारक पहुंचे, जहां उन्होंने एक पौधारोपण किया। वहीं शहीद स्मारक में प्रधानमंत्री मोदी ने विजिटर्स बुक में संदेश लिखकर अपने हस्ताक्षर किए।
PM मोदी ने किया इंदिरा गांधी को याद
प्रधानमंत्री मोदी आज शाम को ढाका में बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया, जहां नेशनल परेड स्क्वायर से प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि उनके लिए यह जीवन का अनमोल पल है, मैं सभी भारतीयों की तरफ से आप सभी बांग्लादेश के नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूं। उन्होंने बांग्लादेश की आजादी के इतिहास को याद करते हुए कहा कि बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में इंदिरा गांधी का योगदान सर्वविदित है।
बांग्लादेश की आजादी के लिए मोदी ने दी थी गिरफ्तारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को भारत का समर्थन प्राप्त था, बांग्लादेश की आजादी हमारा पहला संघर्ष था, उस वक्त मैं करीब 20-22 साल का था, मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में चले आंदोलन के दौरान मैंने भी गिरफ्तारी दी थी।
बांग्लादेश के 50 उद्यमियों को मोदी ने दिया न्योता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मैं उन बहादुर भारतीय जवानों को सलाम करता हूं जिन्होंने ‘मुक्तियुद्ध’ में बांग्लादेश के भाई और बहनों के साथ खड़े हुए थे, मुझे इस बात की खुशी है कि कई भारतीय सैनिक जो उस वक्त बांग्लादेश के विभाजन में शामिल थे वे आज इस मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आजादी की चाह जितनी यहां के लोगों में थी, उतनी ही भारत में भी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बांग्लादेश के 50 उद्यमियों को बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर भारत आने का न्योता देता हूं।
शेख मुजीबुर रहमान को मिला गांधी शांति पुरस्कार
प्रधानमंत्री मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान को मरणोपरांत साल 2020 का गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया, शेख मुजीबुर रहमान की छोटी बेटी शेख रेहाना ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान को याद करते हुए कहा कि ये सम्मान देते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है, दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, प्रधानमंत्री शेख हसीना और बांग्लादेश के नागरिकों का मैं आभार प्रकट करता हूं, आपने अपने इन गौरवशाली क्षणों में इस उत्सव में भागीदार बनने के लिए भारत को सप्रेम निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि मैं सभी भारतीयों की तरफ से बॉन्गोबौन्धु शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने बांग्लादेश और यहां के लोगों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
भारत-बांग्लादेश की चुनौतियां भी साझा हैं- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश की चुनौतियां भी साझा हैं और समस्याएं भी, भारत और बांग्लादेश के सामने गरीबी और आतंक का खतरा है और दोनों देशों के पास लोकतंत्र की ताकत है, उन्हें इस बात का विश्वास है कि दोनों देश इससे पार पाएगा, कोरोना काल में दोनों देशों को बीच अच्छा तालमेल रहा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए मेड इन इंडिया वैक्सीन बांग्लादेश के काम भी आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि शेख हसीना जी के नेतृत्व में बांग्लादेश दुनिया को अपना दमखम दिखा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों को बांग्लादेश के अस्तित्व पर आशंकाएं थीं, वे गलत साबित हुए हैं।