बिहार में दरभंगा के मिथिला यूनिवर्सिटी में गजब का कारनामा सामने आया है। मिथिला यूनिवर्सिटी के छात्रों के एडमिट कार्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के राज्यपाल फागू चौहान का फोटो लगा कर एडमिट कार्ड जारी कर दी गई है।
मिथिला यूनिवर्सिटी के एक और नए कारनामे
दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अपने कारनामे के लिए हमेशा से सुर्खियों में रहा है, विश्वविद्यालय के कारनामे से अब तक छात्र परेशान हुआ करते थे, लेकिन इस बार विश्वविद्यालय ने कुछ अलग कारनामा करते हुए स्नातक के तृतीय खंड के एडमिट कार्ड पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा बिहार के राज्यपाल फागू चौहान का फोटो लगाकर एडमिट कार्ड जारी कर दिया, जिसे सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर मुश्ताक अहमद ने इसके लिए विद्यार्थी के दोषी मानते हुए, उनके ऊपर करवाई की बात कही है।
एडमिट कार्ड पर मोदी व चौहान का फोटो
दरअसल, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने गुरुवार यानि 8 सितंबर 2022 को स्नातक तृतीय खंड का एडमिट कार्ड जारी किया, जिसमें विश्वविद्यालय ने जीडी कॉलेज के छात्र रवीश कुमार सानू के एडमिट कार्ड पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान का फोटो लगाकर एडमिट कार्ड जारी कर दिया, वहीं, दूसरी तरफ विश्वविद्यालय ने एस एम जे कॉलेज मधुबनी के भूगोल की छात्रा गुड़िया कुमारी के फोटो के बदले देश के प्रधानमंत्री का फोटो लगाकर एडमिट कार्ड जारी कर दिया है, जिसके बाद से लोग विश्वविद्यालय के कार्यशौली पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने फिल्म अभिनेत्री ऐशवर्या राय, गणेश जी, हनुमान जी की लगी तस्वीर का प्रवेश पत्र जारी कर दिया था, यही नहीं स्नातक के स्टूडेंट के अंक प्रमाण पत्र में 100 नंबर की परीक्षा में 151 नंबर देने का मामला सामने आया था, जिसको लेकर काफी लंबा बाद विवाद हुआ था, यह मामला अभी छात्रों के जेहन से गया भी नहीं था की विश्वविद्यालय की गलतियां फिर से उजागर हुई है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने झाड़ा पलड़ा
इस मामले में कुलसचिव डॉक्टर मुश्ताक अहमद ने कहा कि विश्वविद्यालय में लाखों की संख्या में छात्र होते हैं, सबका एक-एक करके फोटो चेक करना संभव नहीं है, भविष्य में ऐसी गलती न हो इसको लेकर विचार विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस लापरवाही से पल्ला झाड़ते हुए छात्रों और साइबर कैफे को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है, साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराए जाने तक की चेतावनी दे डाली है।