दिल्ली हाई कोर्ट ने वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर आज 3 फरवरी को केंद्र सरकार तथा वॉट्सऐप को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
केंद्र सरकार व वॉट्सऐप को नोटिस जारी
दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने आज जनहित याचिका पर इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार तथा वॉट्सऐप को नोटिस जारी कर मार्च तक जवाब देने को कहा है। याचिकाकर्ता सीमा सिंह, मेघान सिंह और विक्रम सिंह ने दलील दी है कि वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी भारतीय डेटा संरक्षण तथा निजता कानूनों में खामियों का संकेत देती है।
गाइडलाइंस एवं रेगुलेशन्स बनाए जाएं- याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता ने अदालत से यह सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार एवं वॉट्सऐप को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि इस मैसेंजर ऐप का इस्तेमाल कर रहे लोगों को अपनी पर्सनल इनफॉर्मेशन उसकी मूल कंपनी फेसबुक या उसकी अन्य कंपनियों के साथ साझा नहीं करने का विकल्प मिले। याचिकाकर्ता ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि वह भारत में संचालन करने वाले सभी ऐप एवं संगठनों से नागरिकों की प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए गाइडलाइंस एवं रेगुलेशन्स बनाएं।
इस मामले में केंद्र ने मांगी हैं वॉट्सऐप से सूचनाएं
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में पेश एडिशनल सॉलीसीटर जनरल चेतन शर्मा ने जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच से कहा कि ऐसा ही मामला सिंगल जज बेंच के समक्ष लंबित है और वहां केंद्र सरकार कह चुकी है कि वह इस मुद्दे पर गौर कर रही है एवं उसने इस संबंध में वॉट्सऐप से सूचनाएं भी मांगी हैं।
यूरोपीय यूजर्स के संबंध में ऐसी बात नहीं
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि वॉट्सऐप समय-समय पर अपनी प्राइवेसी पॉलिसी बदलती रही है और यूजर्स को उसे स्वीकार नहीं करने का विकल्प हमेशा दिया जाता रहा है, लेकिन वॉट्सऐप के उपयोग से वंचित नहीं किया गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि वॉट्सऐप की 4 जनवरी को जो नई प्राइवेसी पॉलिसी आई उनमें भारतीय यूजर्स के लिए उन्हें स्वीकार करना अनिवार्य कर दिया गया है अन्यथा वे इस ऐप का उपयोग नहीं कर पाएंगे, जबकि यूरोपीय यूजर्स के संबंध में ऐसी बात नहीं है।