लद्दाख सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच मिलिटरी तथा कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।
देश के पास आज सक्षम नेतृत्व है, देश का मस्तक नहीं झुकने देंगे– राजनाथ
लद्दाख सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मिलिटरी तथा कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है। एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान राजनाथ ने कहा कि देश के पास आज सक्षम नेतृत्व है, देश का मस्तक नहीं झुकने देंगे, देश के लोगों को भी इसका पूरा भरोसा है। साथ ही उन्होंने नेपाल के साथ भी लिपुलेख विवाद की बातचीत से सुलझने की उम्मीद जताई है।
किसी भी सूरत में भारत के स्वाभिमान पर चोट नहीं पहुंचेगा– राजनाथ
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं देश को आश्वासन देना चाहता हूं कि किसी भी सूरत में भारत के स्वाभिमान पर चोट नहीं पहुंचेगा, भारत किसी को आंख नहीं दिखाना चाहता है। बॉर्डर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर चीन की आपत्तियों से जुड़े सवाल पर राजनाथ ने कहा कि यह हमारा हक है, जो कर रहे हैं हम, अपनी सीमा में कर रहे हैं, इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना हमारा हक है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाकर चलने की भारत की स्पष्ट नीति रही है, हमारी यह कोशिश बहुत पहले से चलती रही है, कभी-कभी चीन के साथ ऐसी स्थितियां पैदा हो जाती हैं, लेकिन सुलझाने की कोशिश जारी है।
भारत-चीन के बीच किसी तीसरे की मध्यस्थता का सवाल ही नहीं– राजनाथ
राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति की तरफ से भी स्पष्ट तौर पर कहा गया कि कूटनीतिक बातचीत के जरिए मामले का हल करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की भी यही कोशिश है कि तनाव किसी भी सूरत में न बढ़े, मिलिटरी लेवल पर बातचीत जरूरी हो, तो मिलिटरी लेवल पर तथा डिप्लोमैटिक लेवल पर जरूरी हो, तो उस स्तर पर बातचीत करके सुलझाया जाना चाहिए, मिलिटरी तथा डिप्लोमैटिक लेवल पर चीन के साथ हमारी बातचीत चल रही है। भारत-चीन के बीच किसी तीसरे की मध्यस्थता को लेकर राजनाथ ने कहा कि इसका सवाल ही नहीं है।
अमेरिका के रक्षा मंत्री से हमारी बातचीत हुई है- राजनाथ
राजनाथ सिंह ने कहा कि अमेरिका के रक्षा मंत्री से कल हमारी बातचीत हुई है, हमने उन्हें बताया कि भारत ने पहले से ही एक मैकेनिजम डेवलप किया है, जिसके तहत चीन के साथ कोई विवाद होता है तो उसे मिलिटरी तथा डिप्लोमैटिक बातचीत से सुलझाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत-चीन की सीमा पर परसेप्शनल डिफरेंसेज रहे हैं, चीन कुछ स्थानों पर एलओसी को स्वीकार करता है, लेकिन कुछ जगहों पर वह उससे आगे तक दावा करता है, ऐसा ही हमारे साथ भी है, यही वजह है कि कभी वे हमारे क्षेत्र में आ जाते हैं, तो कभी हम भी वहां चले जाते हैं, जिस पर वह दावा करते हैं।
नेपाल के साथ तो हमारा पारिवारिक मामला है– राजनाथ
राजनाथ सिंह ने साथ ही नेपाल के साथ लिपुलेख विवाद को लेकर कहा कि हम नेपाल के साथ लिपुलेख विवाद को बातचीत के जरिए सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि नेपाल के साथ तो हमारा पारिवारिक मामला है, वह छोटे भाई की तरह है, बातचीत के जरिए हल निकालेंगे। गौरतलब है कि हाल ही में नेपाल ने विवादित नक्शा जारी करते हुए लिपुलेख को अपना हिस्सा बताया था।