कोरोना महामारी संकट के बीच संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी ने संसद के मॉनसून सत्र को 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलाने का प्रस्ताव किया है। 18 दिवसीय सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में कोरोना वायरस से बचने के लिए काफी सावधानियां बरती जाएंगी। संसद की कार्यवाही बिना किसी छुट्टी के रोजाना चलेगी।
मॉनसून सत्र 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक
कोरोना महामारी संकट के बीच संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी ने संसद के मॉनसून सत्र को 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलाने का प्रस्ताव किया है। 18 दिवसीय सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में कोरोना वायरस से बचने के लिए काफी सावधानियां बरती जाएंगी। संसद की कार्यवाही बिना किसी छुट्टी के रोजाना चलेगी। ध्यान रहे कि मार्च महीने में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था, जिसे चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है। अनलॉक-4 में छूट के बाद संसद की बैठक बुलाई जाएगी, इसके लिए दोनों सदनों में सदस्यों के बैठने का बंदोबस्त को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं।
गैलरियों और चैंबरों का उपयोग किया जाएगा
कोरोना वायरस से बचाव के लिए संसद सदस्यों के बीच दूरी बनाए रखने के उद्देश्य से दोनों सदनों की गैलरियों और चैंबरों का उपयोग किया जाएगा। संसदीय इतिहास में वर्ष 1952 के बाद पहली बार ऐसे प्रावधान किए जा रहे हैं। राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक, उच्च सदन के 60 सदस्यों के बैठने के लिए चैंबर और 51 सदस्यों को गैलरी में जगह बनायी जा रही है। बाकी 132 सदस्यों को लोकसभा के चैंबर में बैठने की व्यवस्था होगी। अपने सदस्यों के बैठने की इसी तरह की व्यवस्था लोकसभा सचिवालय भी कर रहा है।
स्वास्थ्य सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं
संसद में पहली बार अलग-अलग बैठे सदस्यों को लाइव जोड़ने के लिए बड़ी-बड़ी डिसप्ले स्क्रीन लगाई जाएंगी, स्वास्थ्य सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बीच 17 जुलाई को हुई बैठक में सदन की गैलरी और चैंबर में सदस्यों के बैठने के बंदोबस्त के बारे में फैसला किया गया था, उसी दौरान प्रस्तावित प्रबंध के बारे में विस्तार से समीक्षा की गई थी। राज्यसभा के सभापति नायडू ने सभी अफसरों को अगस्त के तीसरे हफ्ते तक तैयारियों को निपटा लेने का निर्देश दिया है, उसके बाद फाइनल समीक्षा, परीक्षण और रिहर्सल किया जाएगा।
एक सदन सुबह तो दूसरी शाम की पारी में चलेगी
विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर दोनों सदनों की बैठकें बारी-बारी से होंगी। एक सदन की कार्यवाही सुबह की पारी में चलेगी तो दूसरी शाम की पारी में होगी। ध्यान रहे कि कोरोना वायरस की वजह से संसद का बजट सत्र अपने निर्धारित समय से पहले 23 मार्च को स्थगित कर दिया गया था। संसदीय प्रावधान के मुताबिक, प्रत्येक छह महीने में संसद सत्र बुलाया जाना चाहिए।