वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए 25 मार्च से 3 मई तक 40 दिनों के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन दौरान आज तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की। करीब 3 घंटे तक चले इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सभी मुख्यमंत्रियों ने कई सुझाव दिए।
प्रधानमंत्री मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक 3 घंटे चली
वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए 25 मार्च से 3 मई तक 40 दिनों के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन दौरान आज तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन तथा पीएमओ व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ यह बैठक करीब 3 घंटे तक चली।
प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में अधिकतर मुख्यमंत्री हुए शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री वीएस येदियुरप्पा, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत देश के अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।
देशव्यापी लॉकडाउन का लाभ देश को मिला- मोदी
इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि सामूहिक प्रयास का लाभ दिख रहा है, देशव्यापी लॉकडाउन का लाभ देश को मिला है, दूसरे देशों के मुकाबले में भारत बेहतर स्थिति में है। उन्होंने लॉकडाउन पर राज्य के मुख्यमंत्रियों को संयम का मंत्र भी दिया। इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को सभी मुख्यमंत्रियों ने कई सुझाव भी दिए। सूत्रों के मुताबिक, कुछ राज्य के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी से लॉकडाउन को बढ़ाने की मांग की।
मास्क तथा फेस कवर जीवन का हिस्सा– मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि कोविड-19 का प्रभाव आने वाले महीनों में दिखाई देगा, मास्क तथा फेस कवर जीवन का हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम मिले हैं, देश पिछले डेढ़ महीनों में हजारों लोगों की जान बचाने में कामयाब रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस का खतरा अधिक है तथा निरंतर सतर्कता सर्वोपरि है। इस बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने भाग नहीं लिया, उनकी जगह केरल के मुख्य सचिव ने बैठक में हिस्सा लिया।
मोदी ने कहा, अर्थव्यवस्था पर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के दौरान साफ कर दिया कि जब तक हालात ठीक नहीं हो जाते लॉकडाउन जारी रहेगा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जिन जिलों में हालात ठीक हैं वहां छूट दी जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था पर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हमें जो सुझाव दिए हैं, उसके आधार पर आर्थिक चुनौतियों का सामना करेंगे तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएंगे।
हॉटस्पॉट इलाके में सख्ती से गाइडलाइंस के पालन पर प्रकाश
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में राज्यों के लिए हॉटस्पॉट यानि रेड जोन इलाकों में सख्ती से गाइडलाइंस लागू करने के महत्व पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि रेड जोन को औरेंज जोन में बदलने तथा उसके बाद ग्रीन जोन में परिवर्तित करने के लिए राज्यों को निर्देशित किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने मौसम में बदलाव के लिए मुख्यमंत्रियों से कहा कि गर्मी तथा मानसून का आगमन हो रहा है, ऐसे समय में वे बीमारियां जो इस मौसम में संभावित रूप से सामने आ सकती हैं, इसके लिए भी आगे की रणनीति बनाएं।
भारत में कोरोना पॉजिटिव केस 28 हजार के पार, मरने वालों की संख्या 886 पहुंची
गौरतलब है कि अब तक भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की संख्या करीब 28,100 से ज्यादा हो चुकी है, कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 6573 हो गई है, जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या 886 हो चुकी है। अब तक पूरे विश्व में कोरोना पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 30 लाख 6 हजार को पार कर चुकी है तथा इससे मरने वालों की संख्या 2 लाख, 7 हजार को पार कर चुकी है। विश्व में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केसों की कुल संख्या अमेरिका में करीब 9 लाख 87 हजार पहुंच चुकी है, जबकि इससे मरने वालों की संख्या यहां करीब 55,400 हो चुकी है।