मोदी सरकार का बड़ा फैसला, जनवरी-फरवरी में नहीं होंगी CBSE बोर्ड की परीक्षाएं

कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं जनवरी-फरवरी में न कराने का फैसला लिया है।

जनवरी-फरवरी में नहीं होंगी बोर्ड की परीक्षाएं
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के आज घोषणा कि है कि अगले साल जनवरी-फरवरी में सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित किए जाने का प्रस्ताव नहीं है। रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्र सरकार ने सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं जनवरी-फरवरी में न कराने का फैसला लिया है। रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि परीक्षा की तारीखों को लेकर बाद में ऐलान किया जाएगा। गौरतलब है कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाती हैं, वहीं जनवरी महीने के दौरान कई प्रकार की प्रैक्टिकल परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।

शिक्षा संवाद में हजारों शिक्षकों ने हिस्सा लिया
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज शिक्षा संवाद के 22वें संस्करण के तहत शिक्षकों के साथ लाइव इंटरैक्शन में ऑनलाइन शिक्षा, बोर्ड परीक्षा, प्रवेश परीक्षा, मूल्यांकन के स्वरुप, शिक्षकों की ट्रेनिंग और शिक्षा संबंधी अन्य मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की। इस शिक्षा संवाद में देश भर के हजारों शिक्षकों ने हिस्सा लिया और शिक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर कई सवाल किए जिसके जवाब देकर शिक्षा मंत्री ने सभी की आशंकाओं एवं चिंताओं को दूर किया। ध्यान रहे कि शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कोरोना संकट काल के दौरान समय-समय पर छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से समय-समय पर संवाद करते रहे हैं और उन्हें इस कठिन समय में प्रेरित किया।

शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं हो सकता- निशंक
रमेश पोखरियाल निशंक कहा कि मैं हमेशा से ही शिक्षकों के साथ बातचीत करने, उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को समझने और उसके अनुसार काम करने के लिए उत्सुक रहा हूं, जब मैं शिक्षकों की बात करता हूं, तो मैं एक शिक्षक के रूप में अपने प्रारंभिक वर्षों की याद ताजा करता हूं, मुझे याद है कि मैं और मेरे सहयोगी अपने छात्रों को सर्वश्रेष्ठ ज्ञान देने के लिए सदैव तत्पर रहते थे, उन्हें अपने जीवन में प्रगति करते देखना अभी भी एक बहुत ही खूबसूरत एहसास है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों में पाया जाने वाला पैशन और कंपैशन अप्राप्य है और यही कारण है कि एक शिक्षक अपनी भूमिका से कभी सेवानिवृत्त नहीं हो सकता।

निशंक ने शिक्षकों की भूमिका की प्रशंसा की
कोरोना महामारी के दौर में शिक्षकों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए निशंक ने कहा कि मल्टी मॉडल लर्निंग के विकास को देखते हुए मेरा मानना है कि शिक्षकों की भूमिका भी बदल रही है और हमारे शिक्षक इस नई भूमिकाओं के निर्वहन में कामयाब भी हो रहे हैं, शिक्षक की भूमिका अब सोर्स ऑफ नॉलेज से हट कर प्रोसेस ऑफ नॉलेज क्रिएशन की ओर बढ़ रही है। शिक्षकों के प्रशिक्षण पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में निशंक ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने देश के सभी 42,00,000 प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों को प्रशिक्षित करने के लिए निष्ठा (राष्ट्रीय शैक्षिक स्कूल शिक्षा संस्थान और शिक्षकों के लिए शैक्षिक संस्थान) ऑनलाइन शुरू किया गया, कोरोना महामारी के पहले यह कार्यक्रम फिजिकल रूप से आयोजित किया जाता था।

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