मेट्रो मैन के नाम से पहचाने जाने वाले ई श्रीधरन ने सक्रिय राजनीति को अलविदा कह दिया है। केरल में हुए विधानसभा चुनाव 2021 में ई श्रीधरन को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी व केंद्र में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया था, हालांकि श्रीधरन कांग्रेस विधायक शफी परामबिल से 3859 वोट से चुनाव हार गए थे।
मेट्रो मैन श्रीधरन ने राजनीति छोड़ दी
मेट्रो मैन ई श्रीधरन ने आज 16 दिसंबर को हैरानी भरा कदम उठाते हुए राजनीति छोड़ दी। ई श्रीधरन ने कहा कि मैं कोई राजनेता नहीं था। मलप्पुरम में अपने गृहनगर में उन्होंने कहा कि ‘बहुत से लोग नहीं जानते हैं, मैं अब 90 साल का हूं और जहां तक मेरी उम्र मानी जाती है, मैं उन्नत अवस्था में हूं, जब मैं कहता हूं कि मैं सक्रिय राजनीति छोड़ रहा हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं राजनीति छोड़ रहा हूं, जब मैं चुनाव हार गया तो मुझे दुख हुआ, लेकिन अब मैं दुखी नहीं हूं क्योंकि एक विधायक के साथ कुछ नहीं किया जा सकता।’ श्रीधरन ने कहा कि भाजपा की राज्य इकाई का वोट शेयर 16 से 17 फीसदी था, लेकिन अब इसमें कमी आई है।
श्रीधरन को चुनाव में शफी परामबिल ने हराया था
श्रीधरन ने कहा कि ‘मैं एक राजनेता नहीं था क्योंकि मैं एक नौकरशाह हूं और भले ही मैं राजनीति में सक्रिय नहीं होने जा रहा हूं, मैं हमेशा अन्य तरीकों से लोगों की सेवा कर सकता हूं, मेरे पास 3 ट्रस्ट हैं और मुझे इसमें काम करना है।’ ध्यान रहे कि केरल में विधानसभा चुनाव 2021 से पहले फरवरी 2021 में श्रीधरन भाजपा में शामिल हुए थे। श्रीधरन को केरल भाजपा इकाई के एक वर्ग ने पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखा और पलक्कड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया, वह अप्रैल 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में युवा कांग्रेस विधायक शफी परामबिल से 3859 मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे।