ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उपराष्ट्रपति चुनाव 2022 में वोटिंग प्रक्रिया से दूर रहेगी। टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आज हुई पार्टी की बैठक के बाद इसका ऐलान किया।
उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग प्रक्रिया से दूर रहेगी TMC
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग प्रक्रिया से दूर रहेगी। टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आज 21 जुलाई 2022 को पार्टी की बैठक के बाद कहा कि ज्यादातर सांसदों ने ममता बनर्जी से इस संबंध में अनुरोध किया कि अंतिम समय में विरोधी दलों ने बिना परामर्श किए मार्गरेट अल्वा के नाम की घोषणा की। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि ‘मार्गरेट अल्वा और ममता बनर्जी के बीच अच्छे संबंध हैं, लेकिन देश के उपराष्ट्रपति का चुनाव व्यक्तिगत समीकरणों के आधार पर नहीं होने वाला है, हमारे 85 फीसदी सांसदों ने फैसला किया कि हमें मतदान से बचना चाहिए।’
ममता बनर्जी के फैसले से विपक्षी खेमे को बड़ा झटका
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि ‘अधिकांश सांसदों ने फैसला किया कि जिस तरह से उपराष्ट्रपति के लिए विपक्षी उम्मीदवार का चयन किया गया है, वह लोकतांत्रिक और उचित नहीं है।’ उन्होंने कहा कि जगदीप धनखड़ बंगाल के राज्यपाल रहते हुए राजनीतिक रूप से प्रेरित और पक्षपाती रहे हैं, हम वैसे भी एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का समर्थन नहीं करेंगे। ध्यान रहे कि पश्चिम बंगाल में साल 2019 में पदभार संभालने के बाद से जगदीप धनखड़ ममता सरकार के साथ टकराव को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहे हैं, वहीं मार्गरेट अल्वा को समर्थन नहीं देने के सीएम ममता बनर्जी के फैसले को विपक्षी खेमे के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
अल्वा के नामांकन में TMC के प्रतिनिधि नहीं थे मौजूद
दरअसल, मार्गरेट अल्वा ने 19 जुलाई 2022 को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल किया था, इस दौरान भी टीएमसी के प्रतिनिधि मौजूद नहीं थे। 17 जुलाई 2022 को विपक्षी दलों की उपराष्ट्रपति पद के लिए चेहरा चुनने के लिए बैठक हुई थी, इस बैठक में भी टीएमसी के नेता शामिल नहीं हुए थे, तब एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि हम ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश करेंगे। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 6 अगस्त 2022 को मतदान होगा।