महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने आज 21 अक्टूबर को एक बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की है कि महाराष्ट्र में किसी भी केस की जांच के लिए सीबीआई को पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी।
केंद्र व महाराष्ट्र के बीच विवाद शुरू हो सकता है !
केंद्र की मोदी सरकार और महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के बीच अब नए सिरे से विवाद शुरू हो सकता है। दरअसल, इस विवाद का कारण महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को किसी भी केस की जांच के लिए राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी। महाराष्ट्र सरकार के फैसले के मुताबिक, पहले से चल रही सीबीआई जांच पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
टीआरपी केस को यूपी सरकार ने CBI को सौंपा
ध्यान रहे कि महाराष्ट्र सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब सीबीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश के आधार पर टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) में कथित तौर पर हेरफेर किए जाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है। जानकारी के मुताबिक, मामला पहले लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक विज्ञापन कंपनी के प्रवर्तक की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई को सौंप दिया।
टीआरपी को लेकर मुंबई पुलिस ने किया था खुलासा
गौरतलब है कि टीआरपी में हेरफेर को लेकर हाल ही में मुंबई पुलिस ने खुलासा किया था और इसकी जांच के लिए कई लोगों को समन भेज चुकी है। ध्यान रहे कि सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने को लेकर भी महाराष्ट्र सरकार ने आपत्ति जताई थी, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और शीर्ष अदालत ने जांच सीबीआई को सौंप दिया था।