गैंगस्टर अतीक अहमद को वापस अहमदाबाद के साबरमती जेल ले जाया जा रहा है, वह आज शाम तक साबरमती जेल पहुंचेगा, इससे पहले प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने उसे 17 साल पुराने अपहरण केस में उम्रकैद की सजा सुनाई। उसके खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज है, लेकिन यह पहला केस है, जिसमें अतीक को सजा मिली है। उमेश पाल अपहरण केस में अतीक के अलावा दो और आरोपियों को उम्रकैद की सजा मिली। वहीं अतीक के भाई अशरफ समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया। अशरफ अहमद को बरेली जेल लाया जा चुका है, जेल पहुंचने से पहले उसने बताया कि प्रयागराज में उसे एक पुलिस अफसर ने धमकी दी। अशरफ ने कहा कि एक अफसर ने कहा कि तुम्हें 2 हफ्ते के बाद फिर से किसी बहाने से निकाला जाएगा और निपटा दिया जाएगा। हालांकि, अशरफ ने अफसर का नाम बताने से इनकार कर दिया।
मैं माफिया नहीं हूं- अशरफ
अशरफ से पूछा गया कि वह उमेश पाल मर्डर केस का भी आरोपी है तो जवाब में उसने कहा कि ये मेरे परिवार को फंसाने और उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की साजिश है, माननीय मुख्यमंत्री जी (योगी आदित्यनाथ) के ऊपर भी फर्जी मुकदमे लग चुके हैं, वो मेरी पीड़ा को अच्छी तरह समझते हैं, मैं माफिया नहीं हूं, एक बार का MLA रह चुका हूं, मेरे भाई भी 5 बार के विधायक और सांसद रहे हैं।
अतीक का ब्लड प्रेशर बढ़ गया था
अतीक अहमद को लेकर UP पुलिस आज साबरमती जेल पहुंचेगी, यहां से निकलने से पहले अतीक का ब्लड प्रेशर बढ़ गया था, पुलिस ने उसे दवा दी। उधर अतीक के भाई अशरफ ने कहा कि ‘अगर मेरी हत्या होती है तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और CM को एक बंद लिफाफा पहुंचेगा, इस लिफाफे में उस अफसर का नाम होगा, जिसने मुझे धमकी दी है।’
44 साल में अतीक पहली बार दोषी
अतीक अहमद का 30-35 साल से प्रयागराज समेत आसपास के 8 जिलों में वर्चस्व रहा है। यूपी पुलिस के डोजियर के मुताबिक, अतीक के गैंग के खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज हैं। अभी कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं, इनमें NSA, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के मुकदमे भी हैं। अतीक पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था, यानी 44 साल में अतीक पहली बार दोषी ठहराया गया है और उसे सजा मिली है।