प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर आयोजित एक वर्कशॉप को संबोधित किया। इस कोविड-19 वर्कशॉप में 10 पड़ोसी देश शामिल हुए।
21वीं सदी एशिया की सदी है- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 18 फरवरी को कोविड-19 वर्कशॉप को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी है और दक्षिण एशिया एवं हिंद महासागर के द्वीपीय देशों को साथ लाए बिना यह संभव नहीं हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में एक साथ आने की अपील की और संकट के समय में आपसी मदद के लिए कुछ विशेष योजनाएं शुरू करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दुनिया और हमारे क्षेत्र की उम्मीदें तेजी से कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने पर केंद्रित है, इस कार्य में भी हमें हर हालत में सहयोगी और सहकारी भावना बनाए रखनी है।
डॉक्टरों-नर्सों के लिए विशेष वीजा योजना पर विचार
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल हमारे स्वास्थ्य सहयोग ने कई उपलब्धियां हासिल की है, अगर 21वीं सदी एशियाई सदी है तो यह दक्षिण एशिया के देशों और हिंद महासागर के द्वीपीय देशों के बीच एकीकरण के बगैर संभव नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि क्या हम चिकित्सकों और नर्सों के लिए विशेष वीजा योजना तैयार करने पर विचार कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थितियों में वह संबंधित देश के अनुरोध पर हमारे क्षेत्र के बीच बिना समय गंवाए तेजी से यात्रा कर सकें और हमारे लोगों की मदद कर सकें।
वायु एंबुलेंस समझौते का समन्वय कर सकते हैं- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कहा कि क्या हमारे नागरिक उड्डयन मंत्रालय चिकित्सा आकस्मिकताओं के लिए एक क्षेत्रीय वायु एंबुलेंस समझौते का समन्वय कर सकते हैं, क्या हम एक ऐसा क्षेत्रीय मंच तैयार कर सकते हैं जहां हमारी आबादी के बीच कोरोना वैक्सीन के असर के बारे में जुटाए गए डाटा को एक साथ लाकर उनका संकलन और अध्ययन किया जा सके।