केजरीवाल ने कहा- केंद्र की मोदी सरकार से शिकवा नहीं, प्रवासी मजदूरों को इज्जत से घर जाने दिया जाना चाहिए !

वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा 25 मार्च से 31 मई तक 68 दिनों के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन जारी है, कोरोना का कहर भी देश में दिन पर दिन लगातार बढ़ता ही जा रहा है, इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र की मोदी सरकार के बीच तल्खी कुछ कम हुई है।

मोदी सरकार से कोई शिकवा नहीं- केजरीवाल

वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा 25 मार्च से 31 मई तक 68 दिनों के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन जारी है, कोरोना का कहर भी देश में दिन पर दिन लगातार बढ़ता ही जा रहा है, इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र की मोदी सरकार के बीच तल्खी कुछ कम हुई है। कोरोना संकट के बीच गैर-भाजपा शासित राज्य भले ही केंद्र की मोदी सरकार पर सौतेले व्यवहार का आरोप लगा रही हो, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने आज साफ कर दिया है उन्हें केंद्र की मोदी सरकार से कोई शिकवा नहीं है।

केंद्र ने दिल्ली सरकार के साथ सौतेला व्यवहार जैसा कुछ नहीं किया- केजरीवाल

ध्यान रहे कि पिछले 1-2 महीने में गैर-भाजपा शासित राज्य सरकारें केंद्र सरकार पर कुछ न कुछ सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन केजरीवाल ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के साथ सौतेला व्यवहार जैसा कुछ नहीं किया, जब भी पीपीई किट, वेंटिलेटर जैसी कोई भी मदद मांगी गई तो केंद्र सरकार ने उन्हें दी। केजरीवाल ने कहा कि इसमें केंद्र सरकार से दोस्ती जैसा कुछ नहीं है, बस दिल्ली सरकार फिलहाल किसी विवाद में पड़ने की जगह कोरोना के खिलाफ जंग में ध्यान दे रही है।

पिछले 4-5 दिनों में 4 लाख लोगों ने घर जाने के लिए अप्ला किया– केजरीवाल

केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों से जुड़े सवाल पर ने कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों के लिए रोजाना 50-100 ट्रेनों की मांग करेगी, क्योंकि 12-13 ट्रेनों से काम नहीं चलेगा, अब तक दिल्ली से 69 ट्रेनें चलाई गई हैं, लेकिन पिछले 4-5 दिनों में 4 लाख से ज्यादा लोगों ने घर जाने के लिए अप्लाई किया है, ऐसे में अगले 3-4 दिन 50-100 ट्रेनें चलें तब जाकर स्थिति कंट्रोल में आएगी।

प्रवासी मजदूरों को इज्जत से घर जाने दिया जाना चाहिए– केजरीवाल

प्रवासी मजदूरों का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि मजदूरों को दिल्ली से भेजना उनसे पीछा छुड़ाने जैसा नहीं है, अभी लोग डरे हुए हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा कि कोरोना महामारी कब तक रहेगा, इसलिए घर जाना चाहते हैं, उन्हें इज्जत से घर जाने दिया जाना चाहिए, तब ही वे इज्जत से लौट कर आएंगे। केजरीवाल ने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली एक साथ 50 हजार कोरोना मरीज को हैंडल करने को तैयार है।

विषम परिस्थितियों के बावजूद कोरोना पर कंट्रोल किया गया- केजरीवाल

दिल्ली को खोलने में जल्दीबाजी के सवाल केजरीवाल ने कहा कि धीरे-धीरे ही दिल्ली को खोला जा रहा है, अभी मेट्रो बंद है, सिनेमा हॉल तथा मॉल बंद है, बसों में नियमित सवारी को इजाजत दी गई है, ढील जरूरी थी। केजरीवाल ने दावा कि दिल्ली में विषम परिस्थितियों के बावजूद कोरोना पर कंट्रोल किया गया है, दिल्ली ने कोरोना जीरो केस से शुरू नहीं किया था, यहां शुरू में ही 2000 कोरोना मरीज मिल गए थे, जिसमें 1100 निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के मरकज तथा 900 विदेश से संक्रमण लाए लोग थे।

लॉकडाउन स्थायी नहीं रह सकता– केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से पूरे विश्व में संकट छाया है, कोरोना अभी अगले 1-2 महीने में तो खत्म नहीं होने वाला है, कोरोना के साथ अपनी जिंदगी चलाने की आदत डालनी पड़ेगी, लॉकडाउन स्थायी नहीं रह सकता है, अब धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था खोलने की दिशा में बढ़ना है, एकदम से सारी गतिविधियों को भी नहीं खोल सकते। उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की है, उसको ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने कई सारी चीजों को खोलने का फैसला किया है।

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