वैश्विक महामारी कोविड-19 संकट के बीच भारत सरकार ने कोरोना वायरस के इलाज में कारगर मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन तथा पैराटिटामोल के निर्यात से आंशिक रुप से बैन हटाया है। अब मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन का निर्यात अमेरिका समेत जरुरतमंद देशों को की जाएगी।
हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन दवा कोरोना में है कारगर
वैश्विक महामारी कोविड-19 संकट के बीच भारत सरकार ने कोरोना वायरस के इलाज में कारगर मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन तथा पैराटिटामोल के निर्यात से आंशिक रुप से बैन हटाया है। अब मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन का निर्यात अमेरिका समेत जरुरतमंद देशों को की जाएगी। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने आज बताया कि कोरोना महामारी से इस वक्त भारत समेत पूरे दुनिया के अधिकतर देश जूझ रहे हैं, ऐसे संकट में जरुरतमंद देशों को मानवीय आधार पर सरकार ने यह फैसला किया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन तथा पैराटिटामोल दवाओं की निर्यात किया जाए।
कई देशों ने मांग की थी हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन के निर्यात की
ध्यान रहे कि अमेरिका, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस तथा ब्राजील समेत दुनिया के कई देशों ने इस वक्त हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन के निर्यात के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया था, इसके बाद ही भारत सरकार ने यह फैसला लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन देने की मांग की थी। ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियास बोल्सोनारो ने भी के भारत सरकार से हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन के निर्यात के लिए अनुरोध किया था।
ट्रंप ने मोदी से मांगी थी हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन दवा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैंने 5 अप्रैल की सुबह ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी तथा उन्होंने हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन दवा के निर्यात की अनुमति दे दी है, जिसकी हम तहे दिल से सराहना करते हैं। ट्रंप ने कहा कि भारत अगर हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन दवा की निर्यात करने का निर्णय नहीं भी लेता, तो कोई बात नहीं, मगर हम इस पर जवाबी कार्रवाई जरुर करते। हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन दवा के निर्यात पर पर भारत सरकार ने 25 मार्च, 2020 को प्रतिबंध लगाया था।
जरुरतमंद देशों को मिलेगा हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन
मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन दवा की मांग दुनिया में कोरोना महामारी के चलते काफी बढ़ गया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन घरेलू आवश्यकता व उपलब्धता के आधार पर इसके निर्यात का फैसला लिया गया है, हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन दवा का निर्यात उन्हीं देशों को की जाएगी जो कोरोना महामारी से विशेष रुप से प्रभावित हैं। ध्यान रहे कि भारत में भारत दुनिया में हाइड्रोक्सीक्लोरोटीन दवा का सबसे बड़ा उत्पादक और सबसे बड़ा निर्यातक देश भी है। गौरतलब है अब तक भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 4900 को पार चुकी है, जबकि कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या 137 हो चुकी है।