रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 6 दिसंबर को महज 5 घंटों की भारत यात्रा के दौरान भारत और रूस ने दोस्ती मजबूत करने के 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। साथ ही दोनों देशों ने आतंकवाद जैसी बड़ी चुनौतियों से निपटने में सहयोग व समन्वय बढ़ाने का संकल्प लिया।
भारत-रूस ने किए 28 समझौतों पर हस्ताक्षर
21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान 6 दिसंबर को भारत और रूस ने आपसी साझेदारी और अधिक विस्तारित करने के लिए 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। साथ ही आतंकवाद से खतरा एवं अफगानिस्तान में उभरती स्थिति जैसी बड़ी चुनौतियों से निपटने में सहयोग व समन्वय बढ़ाने का संकल्प लिया। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर वार्ता को ‘काफी फलदायी’ करार दिया।
21वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन संपन्न
विदेश मंत्रालय ने कहा कि 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर चर्चा की, जिसमें कोरोना महामारी के बाद वैश्विक आर्थिक सुधार और अफगानिस्तान की स्थिति शामिल है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर बोलते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि इस यात्रा के दौरान 28 समझौते या समझौता ज्ञापन संपन्न हुए, इन समझौतों में व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, बौद्धिक संपदा, जनशक्ति, बैंकिंग में साइबर हमला, अकाउंटेंसी आदि क्षेत्र शामिल हैं।
भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर चर्चा हुई- श्रृंगला
हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कई क्षेत्रों में संधि समेत 28 समझौते किए गए। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का मुद्दा उठाया या नहीं, इस पर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत की सुरक्षा संबंधी सभी चिंताओं पर चर्चा हुई। हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच करीबी सहयोग व विचार-विमर्श जारी रखने का निर्णय लिया।
आतंकवाद से निपटने पर जोर दिया गया- श्रृंगला
हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि ‘दोनों पक्ष इस बात को लेकर स्पष्ट रहे कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग किसी भी तरह के आतंकी कृत्यों की साजिश, प्रशिक्षण और आश्रय के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान ऊर्जा के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई, आतंकवाद से निपटने पर भी जोर दिया गया और दोनों पक्षों ने इसे साझा हितों वाला क्षेत्र करार दिया। हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों ने सीमा-पार आतंकवाद से लड़ने की आवश्यकता पर भी बल दिया, भारत और रूस ने अगले 10 वर्षों के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग के एक कार्यक्रम पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
भारत-रूस के मंत्रियों ने की ‘टू प्लस टू’ वार्ता
हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हम रूस के साथ अपनी बौद्ध से सबंधित मुद्दों पर संबंध गहन करने पर विचार कर रहे हैं, रूस में 15 मिलियन बौद्ध हैं, यह समुदाय तीर्थयात्रा और अन्य कारणों से भारत आने का इच्छुक है, इसलिए दोनों देशों बीच सांस्कृतिक सहयोग महत्वपूर्ण है। ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की शिखर वार्ता से पहले 6 दिसंबर को ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उनके रूसी समकक्ष सर्गेई शोयगु के बीच वार्ता हुई थी। इससे अलग विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ वार्ता की। इसके बाद दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने ‘टू प्लस टू’ वार्ता की।