
वैश्विक महामारी कोविड-19 संकट के बीच भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सांसदों के वेतन में भारी कटौती की गई है। अब सांसद निधि का पैसा भी कोरोना महामारी से निपटने में किया जाएगा।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती
वैश्विक महामारी कोविड-19 संकट के बीच भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सांसदों के वेतन में भारी कटौती की गई है, साथ हीं अब सांसद निधि का पैसा भी कोरोना महामारी से निपटने में किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आज केंद्रीय कैबिनेट ने कोरोना महामारी संकट के चलते बड़ा फैसला लेते हुए भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सभी सांसदों के वेतन में 30 फीसदी कटौती का निर्णय लिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने सांसद निधि को 2 वर्ष के लिए टाल दिया गया है और इसके पैसे का इस्तेमाल अब कोरोना महामारी से निपटने में किया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट की इस फैसले की जानकारी कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने दी।
कैबिनेट का यह फैसला 1 अप्रैल, 2020 से लागू
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्री प्रकाश जावेडकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सभी सांसदों के वेतन में 30 फीसदी कटौती 1 वर्ष तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कैबिनेट का यह फैसला 1 अप्रैल, 2020 से लागू किया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब जावेडकर से पूछा गया कि क्या देशव्यापी लॉक डाउन 14 अप्रैल को खत्म किया जाएगा या आगे भी जारी रखा जाएगा, तब उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि सरकार हर हमेशा दुनिया की स्थित की निगरानी कर रही है, सही समय आने पर इस बारे में कोई भी निर्णय किया जाएगा, फैसला राष्ट्रहित में ही किया जाएगा, इसकी जानकारी आप सब लोगों को दी जाएगी।
लॉक डाउन के चलते पूरा देश थमा
ध्यान रहे कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिनों का देशव्यापी लॉक डाउन अभी जारी है, जिसके चलते पूरा देश ही थमा हुआ है। गौरतलब है अब तक भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की कुल संख्या करीब 4600 पहुंच चुकी है, जबकि कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या 129 हो चुकी है।