गुजरात दंगा 2002 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उनकी रेगुलर बेल पर हाई कोर्ट फैसला सुना सकता है, अभी के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता को दी अंतरिम जमानत
गुजरात दंगा 2002 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज 2 सितंबर 2022 को सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत दे दी है। तीस्ता सीतलवाड़ पर गवाहों के झूठे बयानों का मसौदा तैयार करने और उन्हें दंगों की जांच के लिए गठित नानावती आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने का आरोप है। देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है, उन्हें अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा, अदालत ने उनसे कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग करें।
हाई कोर्ट ने तीस्ता को नहीं दी थी जमानत
दरअसल, तीस्ता सीतलवाड़ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सत्र अदालत और हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें अंतरिम जमानत नहीं दी गई थी। तीस्ता सीतलवाड़ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी 24 जून 2022 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ समाप्त हुई कार्यवाही के अलावा और कुछ नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता की बेल को लेकर की टिप्पणी
कपिल सिब्बल ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ 2 महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं और उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित मूल आवेदन के लंबित रहने के दौरान अंतरिम जमानत की हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय में लंबित तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका को लेकर कहा कि हमारे फैसले या टिप्पणी से उस पर कोई असर नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘हमने यह फैसला सिर्फ अंतरिम बेल को लेकर दिया है, गुजरात हाई कोर्ट स्वतंत्र रूप से इस मामले पर विचार कर सकता है, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों से उसे प्रभावित नहीं होना चाहिए। ध्यान रहे कि गुजरात हाई कोर्ट ने 19 सितंबर 2022 को तीस्ता सीतलवाड़ की बेल अर्जी पर सुनवाई की तारीख तय की है।