प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 21 नवंबर को जी-20 के 15वें शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। जी-20 का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन आज से शुरू हुआ है। इस सम्मेलन में पहली बार दुनिया के 20 ताकतवर देश एक वर्चुअल मंच पर जमा हुए।
मोदी ने किया जी-20 सम्मेलन को संबोधित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 के 15वें शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोरोना के खिलाफ एकजुटता के साथ लड़ने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना संकट मानवता के इतिहास में टर्निंग प्वाइंट है, दुनिया दूसरे विश्व युद्ध के बाद की सबसे बड़ी चुनौती का सामान कर रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की ओर से किए गए साझा प्रयासों से निश्चित तौर पर कोरोना महामारी से निपटने में मदद मिलेगी।
जी-20 नेताओं के साथ उपयोगी चर्चा हुई- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जी-20 नेताओं के साथ बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की ओर से किए गए समन्वित प्रयासों से निश्चित तौर पर कोरोना महामारी से निजात मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि उन्होंने इस शिखर सम्मेलन में प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, पारदर्शिता और भरोसे के आधार पर एक नया वैश्विक सूचकांक विकसित करने की जरूरत को सामने रखा।
टैलेंट पूल बनाया जाना चाहिए- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि काम करने वाले लोगों की गरिमा को मजबूती देने के साथ टैलेंट पूल बनाया जाना चाहिए, यही नहीं नई प्रौद्योगिकियों के मूल्य की माप मानवता में इसके योगदान के आधार पर किया जाना चाहिए, हमारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता समाज को सामूहिक रूप से और आत्मविश्वास के साथ संकट से लड़ने के लिए प्रेरित करने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि धरती के प्रति भरोसे की भावना हमें स्वस्थ और समग्र जीवन शैली के लिए प्रेरित करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उन्होंने इस सम्मेलन में जी-20 के कुशल कामकाज के लिए डिजिटल सुविधाओं को और विकसित करने में योगदान के लिए भारत की आईटी ताकत की पेशकश की।
सलमान ने की जी-20 सम्मेलन की शुरुआत
सऊदी अरब के शाह सलमान ने आज जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत की और कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए एकजुट प्रयासों की अपील की। सऊदी अरब विश्व की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-20 का मौजूदा अध्यक्ष है। बीते दिनों सऊदी अरब ने कहा था कि यह शिखर सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा। माना जा रहा है कि इस शिखर सम्मेलन में जी-20 एक आर्थिक राहत कार्यक्रम पेश कर सकता है। यह शिखर सम्मेलन कोरोनो महामारी के प्रभावों, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के मसलों पर केंद्रित रहेगा।
इस बार भौतिक चमक दमक नहीं
इस बहुप्रतीक्षित शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों एवं अन्य देशों के नेता भाग ले सकते हैं। हालांकि इस बार यहां पहले की तरह भौतिक चमक दमक नहीं नजर आएगी। इस बार वर्चुअल माध्यम से आयोजित हो रहे सम्मेलन में विभिन्न देशों के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के बीच बंद कमरों में होने वाली बैठकें भी नहीं हो रही हैं। हाल ही में डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहानॉम घेब्रेयस ने कहा था कि जी-20 शिखर सम्मेलन के नेताओं के पास कोरोना के इलाज और टीकों की समान पहुंच सुनिश्चित करने का सुनहरा मौका है।
क्लाइमेट चेंज के मसले पर चर्चा की उम्मीद
इस सम्मेलन में क्लारइमेट चेंज के मसले पर भी चर्चा की उम्मीद है। जी-20 के सदस्यों में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, रूस, सऊदी अरब, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। सऊदी अरब पहली बार इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। यह भी माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के चलते ध्वस्त अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए जी-20 सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा।